जेल में बंद भाइयों को राखी बांधने से रोका तो महिलाओं ने किया हंगामा, गृहमंत्री ने जारी किया निर्देश

मध्य प्रदेश के कई जिलों में महिलाएं जेलों में बंद अपने भाइयों को राखी बांधती दिखी। हालांकि, रतलाम और इंदौर में उन्हें जेलरों ने अंदर जाने से रोक दिया। इस बात को लेकर महिलाएं आक्रोशित हो गई।

देशभर में भाई बहनों के रिश्ते का पावन पर्व रक्षा बंधन धूम धाम से मनाया जा रहा है। इधर मध्य प्रदेश के कई जिलों में महिलाएं जेलों में बंद अपने भाइयों को राखी बांधती दिखी। हालांकि, रतलाम और इंदौर में उन्हें जेलरों ने अंदर जाने से रोक दिया। इस बात को लेकर महिलाएं आक्रोशित हो गई और उन्होंने जमकर हंगामा किया। बवाल बढ़ता देख गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने एडीजी जेल समेत अन्य अधिकारियों को निर्देश दिया कि महिलाओं को दो दिन राखी बांधने की छूट दी जाए।

रिपोर्ट्स के मुताबिक इंदौर के केंद्रीय जेल में बंद अपने कैदी भाइयों को राखी बांधने की अनुमति नहीं दिए जाने से नाराज महिलाओं ने गुरुवार को चक्काजाम कर दिया। दरअसल, रक्षाबंधन के मौके पर बड़ी संख्या में महिलाएं केंद्रीय जेल पहुंची थीं। लेकिन जब उन्हें पता चला कि राखी बांधने के लिए उन्हें कैदी भाइयों से मिलने की अनुमति नहीं दी जाएगी तो उनका गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने जेल के सामने की सड़क को जाम कर दिया। इस दौरान पुलिस कर्मियों ने महिलाओं को समझा-बुझाकर उनका चक्काजाम समाप्त कराया।

मामले पर केंद्रीय जेल की अधीक्षक अल्का सोनकर ने बताया कि जेल मुख्यालय ने रक्षाबंधन पर महिलाओं को उनके कैदी भाइयों से मिलवाकर राखी बंधवाने के लिए कोई आदेश जारी नहीं किया है और यह बात राज्य के सभी कारागारों पर लागू है। उन्होंने कहा, ‘हमने जेल के बाहर जुटीं महिलाओं से राखियां लीं और इन्हें अपने स्टाफ की महिला कर्मचारियों से कैदियों को बंधवाया गया।’ सोनकर के मुताबिक कोविड-19 के खतरे के मद्देनजर इस बार ईद पर भी कैदियों को उनके परिजनों से मिलने की अनुमति नहीं दी गई थी।

उधर रतलाम में जिला जेल (सर्किल जेल) के अंदर बैठाकर भाइयों को बहनों से राखी बंधवाने की अनुमति नहीं मिलने पर हिंदू संगठनों ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने जेल परिसर में जमकर नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन भी किया। साथ ही जेल के बाहर मुख्य रोड पर चक्काजाम कर दिया गया और लोग धरने पर बैठ गए। मौके पर हंगामे की स्थिति बन गई। हिंदू संगठनों ने मांग करते हुए कहा कि जेल में निरुद्ध बंदियों को उनकी बहनों के हाथों से ही राखी बंधवाई जाए।

हालांकि, जेल अधिकारियों ने तर्क दिया कि गृह विभाग से मिले निर्देशों के अनुसार टेलीफोन से कांफ्रेंस करवाकर उनकी लाई हुई राखी, मिठाई बंदी तक पहुंचाने का सिस्टम लागू किया गया है। बहन और परिजनों द्वारा लाई गई मिठाई राखी नारियल लेकर व्यवस्थित तरीके से संबंधित बंदी तक पहुंचाया जा रहा है। पूरी व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित की जा रही है। बावजूद हिंदू संगठन के कार्यकर्ता इस बात पर अड़े रहे कि बहनों को अंदर बंदियों के पास बैठाकर राखी बंधवाई जाए।

जेल के सामने की रोड पर प्रदर्शन के कारण वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई और लोग परेशान होते रहे। हिंदू संगठनों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता इस बात पर अड़े रहे कि बहनों को अपने भाइयों की कलाई पर खुद ही राखी बांधने दी जाए। लेकिन जेल प्रशासन इसके लिए तैयार नहीं हुआ। दोपहर तक टेलीफोन कांफ्रेंस के जरिये बंदियों से उनकी बहनों की बातचीत कराई गई।

हालांकि, बवाल बढ़ता देख गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा हरकत में आए और उन्होंने छूट देने का ऐलान। मिश्रा ने बयान जारी कर बताया कि उन्होंने अपर मुख्य सचिव गृह और महानिदेशक जेल को प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों को उनके बहनों के द्वारा राखी बांधने की इजाजत देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि, रतलाम और इंदौर से शिकायतें आई हैं कि कैदियों को उनकी राखी बांधने पहुंची बहनों को दिक्कत हुई है। लिहाजा उन्होंने डीजी जेल और एसीएस से कहा है कि आज और कल  सभी बहने जेल में बंद अपने कैदी भाइयों को राखी बांध सकें और उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हो।

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