इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में डबल एमए की इजाजत उसे ही मिलेगी जिसने ग्रेड-9 हासिल किया है। ग्रेड-9 को नंबरों में बदल दें तो 70% नंबर होते हैं। पहले दोबारा पीजी के लिए 60% नंबरों की ही बाध्यता होती थी।
कोविड काल में छात्रों को बगैर परीक्षा के अच्छे नंबरों के साथ प्रमोट कर दिया गया। ऐसे में पोस्ट ग्रेजुएट हो चुके छात्र अब डबल एमए की कतार में खड़े हो गए हैं। लिहाजा आवेदकों की छंटनी करने के लिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय को मिनिमम मार्क्स के नियम में बदलाव करना पड़ा है। नई व्यवस्था के तहत दोबारा एमए करने के इच्छुक उन्हीं अभ्यर्थयों को मौका मिलेगा जिन्होंने ग्रेड-9 प्राप्त किया है। ग्रेड-9 को अंकों में परिवर्तित करने पर 70 फीसदी से अधिक अंक होते हैं।
इसके अलावा अगर वे किसी संस्थान में कार्यरत हैं तो नियोक्ता प्रमाणपत्र देना होगा। इससे पहले दोबारा पीजी के लिए 60 फीसदी अंक की ही बाध्यता होती थी। बता दें कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय और संबद्ध कॉलेजों के शैक्षिक सत्र 2022-23 में परास्नातक समेत अन्य पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए दो से सात अगस्त के बीच प्रवेश परीक्षा पूरी हो चुकी है। इस बार इविवि एवं कॉलेजों में परास्नातक के 53 विषयों के सापेक्ष 9544 सीटों के सापेक्ष प्रवेश परीक्षा आयोजित की गई है। 15 से 20 अगस्त के मध्य रिजल्ट जारी किए जाने की तैयारी है।
चतुर्थ सेमेस्टर में वर्ष 2000 तक के पीएम भी शामिल
चतुर्थ सेमेस्टर में वर्ष 2000 तक का समसामायिक इतिहास पढ़ाया जाएगा। इसमें आजादी के बाद से वर्ष 2000 तक के पीएम, सीएम, प्रमुख साहित्यकार के योगदान को शामिल किया जाएगा। साथ ही आजादी के बाद से 2000 तक देश में सामाजिक, आर्थिक व सांस्कृतिक परिवर्तन का भी जिक्र रहेगा। इसके अलावा दलित साहित्य का इतिहास या विज्ञान व तकनीकी ऐच्छिक विषय के रूप में पढ़ाया जाएगा।
पांचवें सेमेस्टर में लैटिन अमेरिका का इतिहास भी
पांचवें सेमेस्टर में लैटिन अमेरिका का इतिहास, सिनेमा का इतिहास और फैशन का इतिहास ऐच्छिक विषय के रूप में शामिल होगा। छठवें सेमेस्टर में भूमंडलीकरण का इतिहास, जेंडर का इतिहास, भाषा साहित्य का इतिहास पढ़ाया जाएगा। सातवें सेमेस्टर में इतिहास लेखन, इतिहास और लोक मान्यताओं का इतिहास, पर्यावरण का इतिहास शामिल किया गया है। आठवें सेमेस्टर में एजुकेशन टूर, शोध प्रबंध पढ़ाया जाएगा।दूसरे विषय से परास्नातक करने के लिए पहले परास्नातक कर चुके विषय में 70 फीसदी अंक मतलब ग्रेड-9 प्राप्त करना अनिवार्य होगा। यह इसलिए किया गया है कि कोविड के चलते इस बार प्रोन्नत किया गया है जिससे छात्रों को अधिक अंक मिले हैं।