तानाशाह सरकार के खिलाफ ‘करो या मरो’ जैसे आंदोलन की जरूरत, राहुल गांधी ने फिर बोला केंद्र पर हमला

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर कहा कि आज हिंदुस्तान की तानाशाह सरकार के खिलाफ और देश की रक्षा के लिए एक और ‘करो या मरो’ जैसे आंदोलन की जरूरत है, अब समय आ गया है जब अन्याय के खिलाफ, बोलना ही होगा।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के खिलाफ एक बार फिर 1942 की तरह आंदोलन छोड़े जाने की जरूरत है। राहुल गांधी ने यह बात ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की वर्षगांठ के मौके पर कही। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार को ‘तानाशाह सरकार’ बताते हुए इसके खिलाफ एक और ‘करो या मरो’ जैसे आंदोलन की जरूरत बताई।

बेरोजगारी की हालत पर किया ट्वीट
राहुल गांधी ने कहा कि आज हिंदुस्तान की तानाशाह सरकार के खिलाफ और देश की रक्षा के लिए एक और ‘करो या मरो’ जैसे आंदोलन की जरूरत है, अब समय आ गया है जब अन्याय के खिलाफ, बोलना ही होगा। उन्होंने यह भी कहा कि तानाशाही, महंगाई और बेरोजगारी को भारत छोड़ना ही होगा। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने देश में बेरोजगारी बढ़ने से संबंधित एक ग्राफ का हवाला देते हुए ट्वीट किया कि ‘जरूरत: घर-घर रोजगार। असलियत: हर घर बेरोजगार।’

कांग्रेस नेता ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि इतिहास का वो पन्ना जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता वो है ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन। 8 अगस्त 1942 को मुंबई से शुरू हुए इस आंदोलन ने अंग्रेजों की नींद उड़ा दी थी। अगस्त की उस शाम को मुंबई के गोवालिया टैंक मैदान में लोगों ने जुटना शुरू किया। गांधी जी ने ‘करो या मरो’ का नारा दिया। इसके बाद हिंदुस्तान में अंग्रेजी हुकूमत का आखिरी अध्याय शुरू हो गया। राहुल गांधी के अनुसार अपनी जिन्दगी की परवाह किए बगैर लाखों देशवासी इस आंदोलन में कूद पड़े। इस आंदोलन में लगभग 940 लोग शहीद हुए और हज़ारों गिरफ्तारियां हुईं। उन्होंने कहा कि आज, भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ पर मैं उन स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देता हूं, जिन्होंने देश की आज़ादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी।

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