छत्तीसगढ़ में चलेगा मोदी का जादू या बघेल कांग्रेस को दिला पाएंगे बढ़त? जानें क्या कहता है सर्वे

एक सर्वे के जरिए देश की आम जनता का मूड भांपने की भी कोशिश की गई है। जनमत सर्वेक्षण में यह बात सामने आई कि अगर आज चुनाव हुए तो भाजपा की नेतृत्व वाली एनडीए को 2019 से भी ज्यादा सीटें मिलेंगी।

देश में अभी राष्ट्रपति का चुनाव हुआ। भाजपा की नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू बड़े अंतर से जीतीं। अब उपराष्ट्रपति चुनाव होना है। इस बीच एक सर्वे के जरिए देश की आम जनता का मूड भांपने की भी कोशिश की गई है। सर्वे में यह बात सामने आई कि अगर आज चुनाव हुए तो एनडीए को 2019 से भी ज्यादा सीटें मिलेंगी। इंडिया टीवी-मैट्रिज न्यूज कम्युनिकेशन के संयुक्त जनमत सर्वेक्षण में कहा गया कि अभी लोकसभा चुनाव हुए तो पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए 543 लोकसभा सीटों में से 362 सीटों पर शानदार जीत दर्ज करेगी। छत्तीसगढ़ में 2023 में विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में छत्तीसगढ़ में मोदी का जादू चलेगा या बघेल कांग्रेस को बढ़त दिला पाएंगे?

सर्वे के अनुसार, कांग्रेस का खराब प्रदर्शन जारी है। इसमें संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के खाते में केवल 97 सीटें जाती दिख रही है। जनमत सर्वे में विभिन्न राज्यों में भाजपा को बढ़त बताई जा रही है। छत्तीसगढ़ में 11 लोकसभा सीटें हैं। अगर आज चुनाव होते हैं तो छत्तीसगढ़ में भाजपा यानी एनडीए को 10 और कांग्रेस-यूपीए को 1 सीट मिलना बताया गया है। इंडिया टीवी-मैट्रिज न्यूज कम्युनिकेशन के सर्वे अनुसार पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में लोकसभा की 29 सीटें हैं, जिसमें एनडीए को 28, यूपीए को 1 मिलेंगी। झारखंड की 14 सीटों में एनडीए को 13, यूपीए-1 और ओडिशा की 21 सीटों में से एनडीए को 11, यूपीए-2 और बीजेडी-8 सीटें मिलने का अनुमान हैं। छत्तीसगढ़ में अभी कांग्रेस की सरकार है और भूपेश बघेल मुख्यमंत्री हैं। छत्तीसगढ़ में 2023 में विधानसभा चुनाव होना है। पीएम मोदी और विकास के मुद्दे पर छत्तीसगढ़ में भाजपा चुनाव लड़ेगी। ऐसे में यह सर्वे कांग्रेस की चिंता बढ़ा सकती है।

3 लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिली 10-10 सीटें 
छत्तीसगढ़ में राज्य निर्माण के बाद वर्ष 2004, 2009, 2014 और 2019 को मिलाकर कुल 4 लोकसभा चुनाव हुए हैं। 3 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 11 में से 10 सीटों पर जीत हासिल की थी। 2018 के विधानसभा चुनाव में बड़ी हार के बावजूद आम चुनाव भाजपा को 11 में से 9 सीटों पर जीत मिली। इस जीत ने यह साबित किया कि राज्य में राष्ट्रवाद और मोदी का प्रभाव कायम है। कांग्रेस को बस्तर और कोरबा लोकसभा सीट पर जीत मिली। छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास अभी 71 विधायक हैं। वहीं भाजपा के 14, बहुजन समाज पार्टी के 2 और जेसीसीजे के 3 विधायक हैं।

भाजपा ने काट दिया था दिग्गज नेताओं की टिकट
राज्य में किसान की बहुसंख्यक आबादी को देखते हुए वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने कर्ज माफ और धान का समर्थन मूल्य 25 सौ रुपये करने का वादा कर सत्ता की चाबी हासिल की थी और इसमें 15 वर्ष के शासन के दौरान उठी सत्ता विरोधी लहर ने भी मदद की थी। हार से सीख लेते हुए भाजपा ने लोकसभा चुनाव में अपने किसी भी मौजूदा सांसद को टिकट नहीं दिया था। इन सांसदों में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह, केंद्रीय राज्य मंत्री विष्णुदेव साय और 7 बार के सांसद रमेश बैस भी शामिल रहे। टिकट काटने के बदले रमेश बैस को राज्यपाल बना दिया गया।

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