सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल को घाटे से बाहर निकालने के लिए सरकार ने 1.64 लाख करोड़ रुपये का पैकेज जारी करने का फैसला लिया है। इसके अलावा 30,000 गांवों तक कनेक्टिविटी के लिए भी प्रयास किए जाएंगे।
सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल को घाटे से बाहर निकालने के लिए सरकार ने 1.64 लाख करोड़ रुपये का पैकेज जारी करने का फैसला लिया है। आज पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस पर मुहर लगी है। इसके तहत दो फैसले लिए गए हैं। पहला यह कि बीएसएनएल को उबारने के लिए पैकेज जारी किया जाएगा। इसके अलावा उन 29,616 गांवों में मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए काम होगा, जहां अब तक यह सुविधा नहीं पहुंची है। इसके लिए 26,316 करोड़ रुपये का सैचुरेशन पैकेज भी तय किया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने बीते साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर यह वादा किया था।
केंद्रीय आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कैबिनेट बैठक में बीएसएनएल और बीबीएनएल के विलय को भी मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि इससे दोनों कंपनियों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और कामकाज के लिए तालमेल भी बेहतर हो सकेगा। आईटी मिनिस्टर ने बताया कि देश भर में मोबाइल कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए 19,722 टावर लगाए जाएंगे। ऐसे सभी गांवों में 4जी कवरेज दी जाएगी, जहां अभी मोबाइल कनेक्टिविटी का अभाव है। उन्होंने कहा कि सरकार देश के हर हिस्से तक मोबाइल कनेक्टिविटी पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
माना जा रहा है कि सरकार ने टेलीकॉम इंडस्ट्री में एक बार फिर से बीएसएनएल को स्थापित करने के लिए यह कदम उठाया है। बीते कुछ सालों में रिलायंस जियो और वोडा आइडिया की ओर से कम दाम में 4जी सर्विस उपलब्ध कराने के चलते बीएसएनएल का मार्केट शेयर कमजोर हुआ है। सरकार की ओर से बीएसएनएल पर 30,000 करोड़ रुपये के कर्ज को कम ब्याज वाले बॉन्ड्स के जरिए अदा करने का भी फैसला लिया है। बीएसएनएल के लगातार बढ़ते घाटे को लेकर सरकार चिंतित रही और उसे उबारने के लिए यह अब तक का सबसे बड़ा प्रयास है।