बड़े बंदरगाहों के बंद होने के चलते लाखों टन अनाज यूक्रेन में फंस गया है। इधर, मिडिल ईस्ट और उत्तरी अमेरिका में बड़े ग्राहकों को मार्ग सड़क और रेल मार्ग के जरिए छोटी मात्रा में भेजा गया है।
रूस और यूक्रेन के बीच समझौते की खबरों के बाद अनाज संकट से राहत के आसार नजर आने लगे थे। हालांकि, ओडेसा बंदरगाह पर रूस की तरफ से क्रूज मिसाइल हमले के बाद हालात फिर बदल गए हैं। दुनिया के कई बाजारों में कीमतों में जबरदस्त उछाल दर्ज किया गया। हाल ही में हुए एक समझौते में यूक्रेन में फंसे हुए अनाज को काला सागर के जरिए निर्यात करने की अनुमति की बात कही गई थी। इस समझौते में संयुक्त राष्ट्र और तुर्की ने भी अहम भूमिका निभाई थी।
खबर है कि शिकागो में वायदा बाजार में कीमतें 4.6 फीसदी तक बढ़ गईं। वहीं, सोमवार को वायदा बाजार में मक्के में भी 2.8 फीसदी तक की उछाल देखा गया। खास बात है कि ओडेसा समेत तीन बंदरगाहों के जरिए खेपों को अनुमति देने के बाद शुक्रवार को कीमतें करीब 6 प्रतिशत तक गिर गईं थी।
रूस आक्रमण के बाद बड़े बंदरगाहों के बंद होने के चलते लाखों टनों का अनाज यूक्रेन में फंस गया है। इधर, मिडिल ईस्ट और उत्तरी अमेरिका में बड़े ग्राहकों को मार्ग सड़क और रेल मार्ग के जरिए छोटी मात्रा में भेजा गया है। खास बात है कि ये देश भी यूक्रेन और रूस में बिगड़े हालात के चलते आपूर्ति के लिए अन्य जगह तलाशने पर मजबूर हो गए हैं।
हमले के वक्त क्या थी स्थिति
ब्लूमबर्ग से बातचीत में मामले के जानकार एक शख्स ने बताया किओडेसा बंदरगाह पर 9 नाव मौजूद थीं, जिनमें चार में 45.6 मिलियन डॉलर की कीमत का मक्का था। उन्होंने जानकारी दी कि अनाज लेकर नौकाएं माल्टा, लाइबेरिया, सिएरा लियोन और पनामा जाने वाली थीं।
क्या कहता है समझौता
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की की डिफ्टी स्टाफ चीफ एंड्रीय सिबिहा की तरफ से दस्तावेजों की कॉपी सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई थी। इसके तहत समझौते में शामिल दोनों पक्षों ने अनाज से जुड़ी व्यापारिक गतिविधियों में शामिल जहाजों या बंदरगाहों पर हमले नहीं करने की बात कही गई थी। यूक्रेनी सेना के दक्षिणी कमान की प्रवक्ता नतालिया हुमेनियक ने कहा था कि मिसाइलों ने अनाज के गोदामों को नुकसान नहीं पहुंचाया था।
रविवार को रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाखरोवा ने कहा कि कैलिबर क्रूज मिसाइल ने ओडेसा स्थित यूक्रेन के सैन्य ठिकानों को तबाह किया है।