लखनऊ में उज्जैन की तर्ज पर हुई महाकाल की आरती, बाबा का भस्म और अश्वगंध से हुआ शृंगार

सावन महीने के दूसरे सोमवार को लखनऊ में पूरी तैयारी हो चुकी है. देर रात से ही महाकाल मंदिर के बाहर शिव भक्तों की कतारे लग गई. मंदिर में उज्जैन स्थित महाकाल की तर्ज पर भस्म आरती होगी.

सावन माह के दूसरे सोमवार को लेकर राजधानी के सभी शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं की कतारे रात से ही लगी हुई हैं। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस के साथ सेवादार भी जगह-जगह पर मुस्तैद हैं। राजेन्द्र नगर स्थित महाकाल मंदिर में रात 12 बजे ही कपाट खुल गए। बाबा का भस्म और अश्वगंध से शृंगार हुआ। इसके बाद उज्जैन स्थित महाकाल की तर्ज पर भस्म आरती हुई।

चौक स्थित कोतवालेश्वर मंदिर में रोज की तरह जलाभिषेक से पूजन की शुरुआत हुई  उधर, सदर स्थित द्वादश ज्योतिर्लिंग के कपाट सुबह पांच बजे ही खुल गए। डालीगंज स्थित मनकामेश्वर मंदिर में देर रात से ही भक्तों की भीड़ जुटने लगी। जहां 51 लीटर दुध से भोलेनाथ का अभिषेक हुआ। सुबह चार बजे भोलेनाथ की आरती के साथ मंदिर के कपाट भी खुल गए।

आज द्वादशी, त्रयोदशी व प्रदोष का अद्भुत संयोग 

पावन माह के इस दूसरे सोमवार पर द्वादशी व त्रयोदशी का अद्भुतसंयोग बन रहा है। साथ ही इस दिन सोम प्रदोष व्रत का योग सावन सोमवार की महत्ता को और बढ़ा रहा है। हनुमान सेतु वेदविद्यालय के वेदाचार्य गोविन्द कुमार शर्मा ने बताया कि सोमप्रदोष का व्रत करने और सायं प्रदोष काल में भोलेनाथ का पूजन व अभिषेक करने से संतान की कामना पूरी होती है।

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