पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के मंत्री की करीबी के घर से नोटों का बंडल मिलने के बाद सियासत तेज हो गई है। एक तरफ ईडी ने मंत्री पार्थ चटर्जी को रिमांड में ले लिया है, सहयोगी अर्पिता गिरफ्तार हैं।
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के मंत्री की करीबी के घर से नोटों का बंडल मिलने के बाद सियासत तेज हो गई है। एक तरफ ईडी ने मंत्री पार्थ चटर्जी को रिमांड में ले लिया है और उनकी सहयोगी अपिता गिरफ्तार हो चुकी हैं। वहीं दूसरी तरफ भाजपा ने ममता की पार्टी के ऊपर हमले तेज कर दिए हैं। भाजपा की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि ममता बनर्जी हमेशा केंद्रीय एजेंसियों के खिलाफ मोर्चा खोले रहती हैं। वहीं उनके मंत्री घोटाले में पकड़े में जाते हैं। यह तो वही बात हुई कि चोर मचाए शोर। वहीं भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि ममता बनर्जी की पार्टी के नाम का मतलब करप्शन का पहाड़ बता दिया। वहीं टीएमसी ने इस मामले को भाजपा की साजिश बताया है।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने अपने बयान में कहा कि ममता बनर्जी भ्रष्टाचार के सभी रिकॉर्ड तोड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि टीएमसी का मतलब हो गया है, ‘द माउंटेन ऑफ करप्शन’। अनुराग ठाकुर ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार और ममता बनर्जी की पार्टी दोनों की रगों में भ्रष्टाचार दौड़ रहा है। उनकी सरकार के मंत्रियों को भ्रष्ट्राचार में डूबने की पूरी छूट मिली हुई है। गौरतलब है कि ममता बनर्जी सरकार के मंत्री पार्थ चटर्जी पर भर्ती घोटाले में आरोप हैं। कल शाम उनकी एक सहयोगी अर्पिता के घर से 20 करोड़ से ज्यादा की बरामदगी हुई है। वहीं आज इस मामले में अर्पिता की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। पार्थ चटर्जी के कई अन्य सहयोगी भी केंद्रीय एजेंसी के निशाने पर हैं।
जमकर साधा निशाना
इससे पूर्व भाजपा मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ईडी की छापेमारी में टीएमसी के मंत्री की सहयोगी के पास से 21 करोड़ से ज्यादा की रकम बरामद हुई है। वहीं कुछ दिन पहले ममता ने इसी मंत्री के काम की तारीफ की थी। उन्होंने कहा कि अब समझ में आया कि आखिर उन्होंने मंत्री के किस अच्छे काम की तारीफ की थी। राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि पश्चिम बंगाल में अभी तक एक लाख करोड़ की अवैध संपत्ति ईडी व अन्य केंद्रीय एजेंसियों द्वारा सामने लाई गई है। उन्होंने कहा कि हम उनके नेताओं की हिप्पोक्रेसी सामने लाना चाहते हैं कि किस तरह यह लोग जांच की प्रक्रिया को बाधित करते हैं।