छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में एक ही परिवार के 3 सदस्यों की रहस्यमय तरीके से मौत हो गई है। रात में खाना खाकर सभी सोए, लेकिन सुबह कोई नहीं उठा। सूचना पर स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची।
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में एक ही परिवार के 3 सदस्यों की रहस्यमय तरीके से मौत हो गई है। जांगला थानाक्षेत्र के जैगुर गांव में बोमड़ा माड़वी व उसके 2 बेटे मुगरु व रामू की मौत की खबर सामने आई। घटना के समय बोमड़ा की पत्नी अपने रिश्तेदार के घर गई हुई थी। परिवार के 3 सदस्यों के मौत की खबर से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। सूचना पर पुलिस व स्वास्थ्य अमले की टीम गांव पहुंची। भैरमगढ़ के बीएमओ आदित्य साहू ने परिवार से मिलकर घटना के संबंध में जानकारी ली। परिवार के लोगों ने बताया कि रात में भोजन कर सोए, लेकिन सुबह कोई नहीं उठा।
बीएमओ की प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर सीएमएचओ ने बताया कि मृतकों व परिवार के अन्य सदस्यों ने रात में कोलियरी भाजी व चावल खाकर सोए थे। इसके बाद तीनों सुबह उठे ही नहीं। सीएमएचओ का कहना है कि प्रथम दृष्टया मामला समझ में नहीं आ रहा है। पोस्टमार्टम के बाद ही मौत की सही वजह का पता चल सकेगा। ग्रामीण व परिवार वाले पीएम करवाने को तैयार नहीं हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने परिवार के सदस्यों को पीएम कराने कहा, ताकि मौत के सही कारणों का पता चल सके। मुआवजे के प्रावधान के तहत मामला बनेगा तो उसे भी दिया जा सके। जांगला थाना प्रभारी आरएन गौतम ने बताया की एक ही परिवार में 3 लोगों की मौत हुई है। पुलिस परिजनों से बात करेगी और मामले की जांच करेगी।
एक ही परिवार के 3 सदस्यों की मौत की खबर से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया। नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने की वजह से इसे माओवादी घटना से जोड़कर भी देखा जा रहा था, लेकिन हत्या करने जैसा कोई प्रमाण नहीं मिला। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि कोई जहरीला पदार्थ को अंजाने में परिवार ने खा लिया होगा। बता दें कि बारिश के समय में बस्तर के जंगलों में देशी मशरूम की पैदावार बहुतायत में होती है। इनमें कई प्रकार के मशरूम बेहद जहरीले होते हैं। बारिश के दौरान आदिवासी ऐसे कंदमूल खाकर अक्सर बीमार पड़ जाते हैं और कई बार मौत भी हो जाती है। शासन द्वारा ऐसे जहरीले कंदमूल और मशरूम को न खाने को लेकर कोई जागरुकता अभियान भी नहीं चलाया जाता।