इटली की संसद में विश्वास प्रस्ताव के दौरान दूसरे बड़े सहयोगी दल ने इसमें भाग नहीं लिया। इसके बाद इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्रागी ने राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
इटली में राजनीतिक अस्थिरता के बाद प्रधानमंत्री मारियो द्रागी ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति से मिलकर उन्हें इस्तीफा सौंपा। इस्तीफा देने से पहले संसद में उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रपति सर्जियो मात्तारेला को इस्तीफा देने जा रहे हैं। वह अपने गठबंधन को संभालने में कामयाब नहीं रहे। राष्ट्रपति ने द्रागी से कहा है कि जब तक चुनाव नहीं होते तब तक वह अंतरिम प्रधानमंत्री के तौर पर कार्य करें।
गठबंधन में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी फाइव स्टार मूवमेंट में विश्वास प्रस्ताव में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया था। मारियो ने संसद में विश्वासमत आसानी से जीत लिया था इसके बाद भी उन्होंने इस्तीफे का ऐलान कर दिया। उन्होंने संसद में कहा कि नेशनल यूनिटी कोलिशन की सरकार अब अस्तित्व में नहीं है। अब इटली में समय से पहले चुनाव होने हैं।
क्यों आया सरकार पर संकट
दरअसल फाइव स्टार मूवमेंट ने कहा था कि प्रधानमंत्री महंगाई के मुद्दे पर ध्यान नहीं दे रहे हैं और वे महंगाई कम करने में नकामयाब रहे हैं। इसके बाद पार्टी ने विश्वास प्रस्ताव में न शामिल होने का फैसला किया था। वहीं अन्य सहयोगी दलों ने भी कहा था कि अगर फाइव स्टार मूवमेंट वोटिंग में हिस्सा नहीं लेगी तो वे भी गठबंधन से बाहर हो जाएंगे। बता दें कि इटली में मौजूदा सरकार का कार्यकाल 2023 में खत्म होना था। लेकिन अब राष्ट्रपति कभी भी समय से पहले चुनाव की घोषणा कर सकते हैं।
पिछले सप्ताह भी चर्चा थी की द्रागी ने इस्तीफा दे दिया है लेकिन राष्ट्रपति ने इसे खारिज कर दिया था। द्रागी यूरोपियन सेंट्रल बैंक के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके हैं। एपी की रिपोर्ट के मुताबिक इस्तीफे के कयास शुरू होने के बाद से ही उद्योगपतियों, मेयर और आम लोगों ने द्रागी को पत्र लिखकर पद पर बने रहने की मांग की। बता दें कि कोरोना से जूझने के बाद पिछले 15 महीने में द्रागी ने इटली में स्थिरता लाने का बहुत प्रयास किया। कई मायनों में वह सफल भी रहे। वहीं रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के दौरान भी द्रागी की भूमिका अहम है। यूरोपीय यूनियन की तरफ से प्रतिबंध लगाने में उनकी बड़ी भूमिका थी।