अफगानिस्तान और उत्तरी पाकिस्तान पर बन रहे पश्चिमी विक्षोभ के चलते मॉनसून अगले 48 घंटों में पूरे उत्तर प्रदेश में सक्रिय हो जाएगा। इसके बाद प्रदेश के अधिकांश इलाकों में अच्छी बारिश देखने को मिलेगी।
अफगानिस्तान और उत्तरी पाकिस्तान पर बन रहे पश्चिमी विक्षोभ के चलते मॉनसून अगले 48 घंटों में पूरे उत्तर प्रदेश में सक्रिय हो जाएगा। इसके बाद प्रदेश के अधिकांश इलाकों में अच्छी बारिश देखने को मिलेगी। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में 17-18 जुलाई से मॉनसून के सक्रिय होने के आसार है। इससे पहले प्रदेश के कई जिलों में तेज हवाएं चलेंगी जिससे लोगों को उमस भरी गर्मी राहत मिलेगी। आपको बता दें कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में शनिवार को झमाझम बारिश हुई, जिसके कारण मौसम सुहावना हो गया। मौसम विभान ने पहले ही पश्चिमी यूपी के जिलों में मध्यम से भारी स्तर की बारिश होने का अनुमान जताया था।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के एक अधिकार ने बताया कि मौसम का मिजाज धीरे-धीरे बदलने लगा है। माना जा रहा है कि मानसून की टर्फ लाइन ऊपर की ओर आ रही है जिससे उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों में सोमवार और मंगलवार को तेज मानसूनी बारिश होने की संभावना बन रही है। इसके लिए भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने पूरे यूपी में ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया है। इसके अलावा, अगले 48 घंटों में प्रदेश के कुछ इलाकों में गरज चमक संग छींटे पड़ने की संभावना है।
बारिश के लिए स्कूल में दुआ
कानपुर के हलीम इंग्लिश स्कूल के बच्चों ने शुक्रवार को बारिश के लिए दुआ की। प्रिंसिपल सबा खान ने दुआ में कहा कि ऐ रब मेरे शहर में रहमत की बारिश करें, हमारी गलतियों को माफ कर दें। बारिश से खेतों को पानी मिले, किसान खुशहाल हों। उधर, जुमे की नमाज में भी ज्यादातर मस्जिदों में बारिश के लिए दुआ की गई।
उत्तराखंड में बारिश का रेड अलर्ट
मौसम विभाग ने 19 और 20 जुलाई के लिए उत्तराखंड के सात जिलों में अत्यंत भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार 19 और 20 जुलाई को देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, चम्पावत, ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार जिलों में भारी से अत्यंत भारी बारिश की संभावना है। उत्तराखंड के बकी जिलों में इन दोनों दिन भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। मौसम विभाग ने राज्य में मध्यम से बड़े भूस्खलन, चट्टान गिरने के कारण सड़कों, राजमार्गों में अवरोध, कटाव, नालों और नदियों के जल स्तर में अचानक वृद्धि, निचले इलाकों में जल भराव की आशंका जताई है।