छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में माओवादी संगठन को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। पूना नर्कोम (नई सुबह-नई शुरुआत) अभियान के तहत हिंसा का रास्ता छोड़ 2 हार्डकोर माओवादी दंपति ने सरेंडर कर दिया।
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में माओवादी संगठन को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। पूना नर्कोम (नई सुबह-नई शुरुआत) अभियान के तहत हिंसा का रास्ता छोड़ 2 हार्डकोर माओवादी दंपति ने सरेंडर कर दिया। आत्मसमर्पण करने वाले महिला व पुरुष नक्सली पर 5-5 लाख का इनाम घोषित था। दोनों नक्सली हत्या, आगजनी, लूट सहित कई बड़ी घटनाओं में शामिल रहे हैं। इन नक्सलियों से पुलिस को पूछताछ में माओवादी संगठन के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। दोनों माओवादियों ने सुकमा एसपी सुनील शर्मा, सुकमा एएसपी ओम चंदेल के सामने सरेंडर किया।
मिली जानकारी के मुताबिक माओवादियों की खोखली विचारधारा, माओवादियों संगठन में भेदभाव और स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से तंग आकर प्रतिबंधित नक्सली संगठन के.के.बी.एन. डिवीजन (कंधमाल, कालाहांडी, बौद्ध, नयागढ़) में कार्यरत नक्सली दंपति मडकम हिड़मा व कुराम डुंगी दोनों निवासी जिला बीजापुर ने सुकमा पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एसपी सुनील शर्मा, एएसपी ओम चंदेल के समक्ष बिना हथियार के सरेंडर कर दिया। सरेंडर पर दोनों नक्सलियों को सरकार की तरफ से 10-10 हजार रुपये दी गई है। दोनों नक्सलियों से संगठन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली है।
पुलिस के अभियान को मिल रही सफलता
पुलिस अफसरों के मुताबिक छत्तीसगढ़ नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में लोन वर्राटू और सुकमा जिले में पूना नर्कोम अभियान चलाया जा रहा है। हिंसा का रास्ता छोड़कर माओवादियों को घर वापसी की अपील की जा रही है। दोनों जिलों के थाना, शिविरों और ग्राम पंचायतों में क्षेत्र के सक्रिय माओवादियों का नाम चस्पा कर उनसे आत्मसमर्पण कर सम्मानपूर्वक जीवन जीने की अपील की जा रही है। लोन वर्राटू अभियान के तहत दंतेवाड़ा जिले में अब तक 133 इनामी नक्सलियों सहित 545 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। वहीं सुकमा जिले में भी 500 से ज्यादा नक्सली समर्पण कर चुके हैं।