‘काली‘ का पोस्टर आते ही विवादों में घिर गया है। सोशल मीडिया पर यूजर्स ने इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म की डायरेक्टर लीना मणिमेकलाई की गिरफ्तारी की मांग की है। अब उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘काली‘ (Kaali) का पोस्टर आते ही विवादों में घिर गया। बीते दिनों सोशल मीडिया पर जैसे ही पोस्टर सामने आया यूजर्स ने मेकर्स को निशाने पर ले लिया। इस फिल्म को डायरेक्टर लीना मणिमेकलाई ने बनाया है। लोगों का कहना है कि उन्होंने हिंदुओं की भावनाओं को आहत किया है। जारी किए गए पोस्टर में एक महिला मां काली के वेशभूषा में है। उन्हें सिगरेट पीते हुए दिखाया गया है। उनके एक हाथ में एलजीबीटी समुदाय का झंडा है और एक हाथ में त्रिशूल है। सोशल मीडिया पर पोस्टर को शेयर करते हुए लीना की गिरफ्तारी की मांग की जा रही है।
वकील ने कराई एफआईआर
अब इस संबंध में लीना के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। पोस्टर को लेकर फिल्म की डायरेक्टर के खिलाफ एक वकील ने एफआईआर दर्ज कराई है। साथ ही गौ महासभा नाम के संगठन ने दिल्ली पुलिस और गृह मंत्रालय में शिकायत की है।
लीना ने शेयर किया था पोस्टर
बीते 2 जुलाई को लीना ने फिल्म का पोस्टर जारी करते हुए लिखा, ‘मेरी हालिया फिल्म का आज पोस्टर लॉन्च करते हुए उत्साह से भरपूर हूं।‘ पोस्टर को कनाडा के आगा खान म्यूजियम में होने वाले फिल्म फेस्टिवल Rhythms of Canada में रिलीज किया गया था।
क्या बोलीं नुसरत जहां
मामले पर बंगाली अभिनेत्री और तृणमूल कांग्रेस की सांसद नुसरत जहां ने अपना रिएक्शन दिया है। सोमवार को नुसरत इंडिया टुडे के एक कार्यक्रम में शामिल हुई जहां उन्होंने ‘काली‘ के पोस्टर को लेकर हो रहे विवाद पर कहा, ‘मेरा मानना है कि धर्म को बीच में मत लाइए। इसे बेचने के लिए मत बनाइए। यह आसान है कि आप अपने ड्राइंग रूप में बैठकर गॉसिप स्टोरीज देखें। मैंने हमेशा रचनात्मकता का समर्थन किया है। साथ ही मेरा यह भी मानना है कि धार्मिक भावनाएं आहत नहीं की जा सकती हैं।‘
‘रचनात्मकता और धर्म अलग-अलग रखें‘
नुसरत आगे कहती हैं कि सभी को अपना धर्म अपने तरीके से मानने का हक है लेकिन वो किसी की भावनाएं आहत नहीं कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि रचनात्मकता और धर्म को अलग-अलग रखना चाहिए।