भाजपा विपक्ष की सरकारों को बर्दाश्त नहीं कर पा रही, CM भूपेश बोले- ED, IT, CBI सब मैनेज करने में लगे हैं

छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में उठे सियासी बवंडर व महाविकास अघाड़ी सरकार के संकट पर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी विपक्ष की सरकारों को बर्दाश्त नहीं कर पा रही है।

छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में उठे सियासी बवंडर व महाविकास अघाड़ी सरकार के संकट पर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी विपक्ष की सरकारों को बर्दाश्त नहीं कर पा रही है। उसे किसी तरह से अस्थिर किया जाए और अपदस्थ किया जाए। यह षड़यंत्र उनका चलता रहा है। वे देश के कई राज्यों में ऐसा कर चुके हैं। भारत लोकतांत्रिक देश है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। देर-सबेर भाजपा को इसका खामियाजा भोगना पड़ेगा। विधायक पहले गुजरात गए और फिर असम गए। इस तोड़फोड़ को महाराष्ट्र की जनता देख रही है। यह प्रजातंत्र के लिए उचित नहीं है।

सीएम भूपेश ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता महाविकास अघाड़ी के साथ है। तीनों दलों के गठबंधन से भाजपा डरी हुई है। पर्दे के पीछे कौन लोग हैं, यह जनता देख रही है। पहले कर्नाटक में किए, गोवा में किए, राजस्थान में किए, मध्य प्रदेश में किए अब महाराष्ट्र में कर रहे हैं। उनके साथ ईडी, आईटी, सीबीआई जैसी सरकारी एजेंसियों के सभी लोग लगे हुए हैं और मैनेज करने की कोशिश की जा रही है। केंद्र की अग्निपथ स्कीम पर सीएम भूपेश बघेल ने तंज कसते हुए कहा कि अभी 21 साल में ही सैनिक रिटायर होकर भूतपूर्व हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने सीधा कहा है कि कृषि के 3 काले कानून जिस तरह वापस लिए गए उसी तरह अग्निपथ स्कीम को भी नौजवानों के लिए केंद्र सरकार को वापस लेना पड़ेगा।

छत्तीसगढ़ आएंगे UPA के राष्ट्रपति उम्मीदवार
भेंट मुलाकात के लिए कोरिया रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि सरगुजा संभाग में सरगुजा, बलरामपुर, सूरजपुर और जशपुर जिला कंपलीट हो गया है। अब कोरिया जिला ही बचा है। वहां जा रहा हूं। सीएम ने बताया कि एक जुलाई को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा भी आएंगे। उनकी विधायकों के साथ मुलाकात होनी है। 3 जुलाई को कोरिया जिले की एक विधानसभा सीट और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही को कंपलीट करेंगे। प्रदेश में मौसम की बेरूखी पर सीएम ने चिंता जताई। उन्होंने कहा कि जून समाप्ति की ओर है और बारिश नहीं होने से खेती पिछड़ रही है।

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