अग्निवीर बनने के लिए वायुसेना को मिले 56 हजार से अधिक आवेदन, अग्निपथ के विरोध का हुआ कितना असर?

अग्निपथ योजना पेश करते हुए, सरकार ने कहा था कि साढ़े 17 से 21 वर्ष की आयु के युवाओं को चार साल के कार्यकाल के लिए भर्ती किया जाएगा, जिनमें से 25 प्रतिशत को बाद में नियमित सेवा के लिए शामिल किया जाएगा।

भारतीय वायुसेना को अग्निपथ भर्ती योजना के तहत 56,960 आवेदन प्राप्त हुए हैं। योजना के लिए पंजीकरण प्रक्रिया इसके खिलाफ कई राज्यों में हिंसक विरोध प्रदर्शन के एक हफ्ते बाद शुक्रवार को शुरू हुई थी। वायुसेना ने रविवार को ट्वीट किया, “56960! यह अग्निपथ भर्ती आवेदन प्रक्रिया के जवाब में वेबसाइट पर भविष्य के अग्निपथ से अब तक प्राप्त आवेदनों की कुल संख्या है। पंजीकरण पांच जुलाई को बंद हो जाएगा।”

14 जून को अग्निपथ योजना पेश करते हुए, सरकार ने कहा था कि साढ़े 17 से 21 वर्ष की आयु के युवाओं को चार साल के कार्यकाल के लिए भर्ती किया जाएगा, जिनमें से 25 प्रतिशत को बाद में नियमित सेवा के लिए शामिल किया जाएगा। देश के कई हिस्सों में इस योजना के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे। अब इतने सारे आवेदन मिलने पर सवाल उठ रहा है कि आखिर इसके विरोध का कितना असर हुआ।

अग्निवीरों के लिए वरीयता जैसे कई कदमों की घोषणा
सरकार ने 16 जून को इस योजना के तहत भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को वर्ष 2022 के लिए 21 से बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया था। साथ ही बाद में उनकी सेवानिवृत्ति पर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों और सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों में उनके लिए वरीयता जैसे कई कदमों की घोषणा की थी।

राज्य पुलिस बलों में शामिल होने में भी प्राथमिकता 
भाजपा शासित कई राज्यों ने भी घोषणा की कि अग्निवरों को राज्य पुलिस बलों में शामिल होने में प्राथमिकता दी जाएगी। सशस्त्र बलों ने हालांकि यह स्पष्ट कर दिया है कि नई भर्ती योजना के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन और आगजनी करने वालों को भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जाएगा।

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