छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में उठे सियासी बवंडर व महाविकास अघाड़ी सरकार के संकट पर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी विपक्ष को बर्दाश्त नहीं कर पा रही है।
छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में उठे सियासी बवंडर व महाविकास अघाड़ी सरकार के संकट पर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी विपक्ष को बर्दाश्त नहीं कर पा रही है। वह नहीं चाहते कि विपक्ष की सरकार चले। असहमति का सम्मान तो करते नहीं। वो रौंद डालते हैं, कुचल डालते हैं, समाप्त कर देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भारत लोकतांत्रिक देश है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। देर-सबेर भाजपा को इसका खामियाजा भोगना पड़ेगा। विधायक पहले गुजरात गए और फिर असम गए। इस तोड़फोड़ को महाराष्ट्र की जनता देख रही है।
सीएम भूपेश ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता महाविकास अघाड़ी के साथ है। तीनों दलों के गठबंधन से भाजपा डरी हुई है। 2024 के चुनाव में भाजपा साफ होने वाली है, इसलिए तोड़फोड़ कर रही है। दम था तो यहीं रहते और कार्यकर्ताओं व जनता का सामना करते। पर्दे के पीछे कौन लोग हैं, जनता देख रही है। पहले कर्नाटक में किए, गोवा में किए, राजस्थान में किए, मध्य प्रदेश में किए अब महाराष्ट्र में कर रहे हैं। केंद्र की अग्निपथ स्कीम पर सीएम भूपेश बघेल ने तंज कसते हुए कहा कि अभी 21 साल में ही सैनिक रिटायर होकर भूतपूर्व हो जाएंगे और युवा शादी के कार्ड पर लिखेगा भूतपूर्व अग्निवीर…।
अंशदान लौटाने चिट्ठी, अब तक नहीं दिया
अग्निपथ और ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर सीएम भूपेश ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम को बंद किया। राजस्थान गवर्नमेंट और छत्तीसगढ़ सरकार ने ओल्ड पेंशन लागू किया। कर्मचारियों का अंशदान लौटाने केंद्र को चिट्ठी लिख रहे हैं। हमारा पैसा वापस मांग रहे हैं उसे भी अभी तक नहीं दिए हैं। कर्मचारी पहले वन रैंक-वन पेंशन कहते थे, लेकिन अब नो रैंक-नो पेंशन कर दिए हैं। कोई रैंक ही नहीं है तो पेंशन भी नहीं है। पहले 58 या 60 वर्ष में रिटायरमेंट होता था। जब सेवानिवृत्त होते थे तब दादा या नाना बन गए होते थे। अब शादी के पहले ही रिटायर कर दिया जा रहा है। अभी 21 साल में ही सैनिक रिटायर होकर भूतपूर्व हो जाएगा। अब तो युवा शादी के कार्ड पर लिखेगा भूतपूर्व अग्निवीर…।
सेना के साथ मजाक, देश की सीमा को खतरा
भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार का यह सेना के साथ मजाक है। यह उन देशों की तुलना करते हैं, जहां जनसंख्या कम है। वहां सेना में लोग जाना नहीं चाहते, इसलिए वहां अनिवार्य करना पड़ता है। भारत में जनसंख्या की कमी नहीं है। सेना में जाने को लोग लालायित हैं। भारतीय सेना का पूरी दुनिया लोहा मानती है। विपरीत परिस्थितियों में यहां की सेना लड़ाई लड़ती है, लेकिन अब इसका राजनीतिकरण कर रहे हैं। केंद्र सरकार तीनों सेना के चीफ से बचाव में बयान दिलवा रहे हैं। परमवीर चक्र प्राप्त सेना के भूतपूर्व अधिकारी कह रहे हैं कि यह सेना के लिए घातक है। इससे देश की सीमा को खतरा है। बघेल ने कहा कि 6 महीने ट्रेनिंग में लगेंगे और साढ़े 3 साल बाद रिटायरमेंट कर देंगे। 12 लाख मिलेगा…। युवक शादी करेगा और फिर इसके बाद क्या करेगा?