छत्तीसगढ़ के बिलासपुर रेंज में जब्त लगभग 12 टन गांजे को एक निजी पावर प्लांट के बायलर में डालकर बिजली का उत्पादन किया गया। कोयले के साथ गांजा को नष्ट किया गया, जिससे 5 मेगावॉट बिजली का उत्पादन हुआ है।
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर रेंज में जब्त लगभग 12 टन गांजे को एक निजी पावर प्लांट के बायलर में डालकर बिजली का उत्पादन किया गया। कोयले के साथ गांजा को नष्ट किया गया, जिससे 5 मेगावॉट बिजली का उत्पादन हुआ है। प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ कि गांजा नष्टीकरण कर बिजली का उत्पादन किया गया हो। बाजार मूल्य के हिसाब से लगभग 15 से 20 करोड़ रुपये का मादक पदार्थों को नष्टीकरण किया गया। बिलासपुर आईजी रतनलाल डांगी ने कहा कि मादक पदार्थ नष्ट भी हो गया और बायलर में जलाने से बिजली का उत्पादन भी हो गया।
आईजी रतनलाल डांगी ने कहा कि नशे से आजादी का पखवाड़ा अभियान सफल रहा। पुलिस द्वारा पकड़े गए नशे के जखीरे का नष्टीकरण किया गया। कई तरह के हाई पावर ड्रग डिस्पोजल मादक पदार्थों को डिस्पोज किया गया। अभियान के तहत बिलासपुर रेंज में कुल 553 प्रकरणों में जब्त 12.767 टन गांजा, 13 नग पौधा, 8380 नग टेबलेट, 11,220 नग कफ सिरप, 897 नग कैप्सूल व 222 नग इंजेक्शन का नष्टीकरण सुधा बायो पॉवर प्राइवेट लिमिटेड मोहतराई में किया गया। नष्टीकरण के दौरान जलाए गए लगभग 13 टन गांजे से 5 मेगावॉट की बिजली का उत्पादन हुआ है।
हाई पावर ड्रग डिस्पोजल कमेटी की देख में नष्टीकरण
बता दें कि बिलासपुर रेंज के सभी जिलों में नशे के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। मादक पदार्थों के नष्टीकरण के लिए रेंज स्तर पर 4 सदस्यीय हाई पावर ड्रग डिस्पोजल कमेटी का गठन बनाई गई है। मादक पदार्थों के नष्टीकरण की कार्यवाही समिति के अध्यक्ष आईजी रतन लाल डांगी, सदस्य एसएसपी बिलासपुर पारुल माथुर, एसपी कोरबा भोजराम पटेल, क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी बिलासपुर तोरन सिंह एवं पंचों की उपस्थिति में शुक्रवार को किया गया। कप सिरप की शिशियों और टेबलेट्स को बुलडोर जलाकर नष्ट किया गया और फिर जमीन पर गड्ढा खोदकर उसे मिट्टी से पाट दिया गया।
सुधा बायोमास पावर प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंधक ने बताया कि प्लांट में 10 प्रतिशत कोयले के साथ भूसे का उपयोग कर बिजली उत्पादन किया जाता है। प्लांट की कैपिसिटी प्रति घंटे 10 मेगावाट बिजली बनाने की है। शुक्रवार को गांजा को प्लांट के बायलर में करीब एक घंटे तक जलाया गया। कोयले के साथ ही भूसे का भी उपयोग किया गया। गांजे को ओपन कन्वेयर बेल्ट से डाला गया। अनुमान है कि 13 टन गांजे से 5 मेगावॉट बिजली उत्पादन हुआ है।