छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में शिवसेना सरकार बड़े संकट में आ गई है। शिवसेना के एकनाथ शिंदे की बगावत और दो दर्जन से ज्यादा विधायकों के साथ चले जाने से उद्धव ठाकरे सरकार की चिंता बढ़ गई है।
छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में शिवसेना सरकार बड़े संकट में आ गई है। शिवसेना के एकनाथ शिंदे की बगावत और दो दर्जन से ज्यादा विधायकों के साथ चले जाने से उद्धव ठाकरे सरकार की चिंता बढ़ गई है। महाराष्ट्र की राजनीति पर छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम डॉ. रमन ने कहा कि महाराष्ट्र में काफी असंतोष था। असंतोष अब खुलकर सामने आ रहा है। विधायकों का सरकार पर भरोसा नहीं रहा और गुजरात के सूरत में बैठक लेने की सूचना मिली है। उम्मीद है कि महाराष्ट्र की राजनीति में काफी बड़ा उथल-पुथल होने वाला है। महाराष्ट्र सरकार की स्थिति डगमगा रही है।
डॉ. रमन सिंह ने कहा कि विधायकों में असंतोष की एक बड़ी वजह है सत्ता और सत्ता में भागीदारी। सिद्धांत छोड़कर जब स्वार्थवश इसका बंटवारा होता है तब ऐसे मामले सामने आते हैं। महाराष्ट्र में यह हिस्सेदारी का झगड़ा है। शेयर हमको ज्यादा मिलना चाहिए। हमारे पास ताकत नहीं है। संसाधन हमारे पास नहीं है। दूसरी पार्टी ज्यादा बेनिफिट ले रही है। ऐसे गठबंधन का हस्र यही होता है। महाराष्ट्र सरकार की स्थिति डगमगा रही है।
डॉ. रमन के बयान ने बढ़ाई सियासी सरगर्मी
बता दें कि शिवसेना के कुल 55 विधायक हैं। यदि पार्टी से 27 विधायक अलग हो जाते हैं तो फिर उन पर दल-बदल कानून लागू नहीं होगा। ऐसे में उद्धव ठाकरे की मीटिंग से दो दर्जन से ज्यादा विधायकों का दूर रहना बड़ा संकेत दे रहा है। शिवसेना भले ही डैमेज कंट्रोल में जुटी है, लेकिन सरकार की मुश्किल बढ़ गई है। महाराष्ट्र में आए सियासी तूफान पर छत्तीसगढ़ में भी चर्चा शुरू हो गई है। सीएम डॉ. रमन के बयान ने सियासी सरगर्मी भी बढ़ा दी है।
राहुल से ED की पूछताछ से तकलीफ हो रही
सीएम भूपेश बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ सरकार को स्थिर करने केंद्र सरकार द्वारा फोन टेपिंग कराने के आरोप पर डॉ. रमन ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के नेताओं का फोन टेपिंग कराने का कोई कारण ही नहीं है। यह शंका में इस प्रकार का बयान दे रहे हैं। मूल विषय यह है कि ईडी राहुल गांधी से पूछताछ कर रही है तो इनको तकलीफ हो रही है। सोनिया गांधी को समन जारी किया गया है। नेशनल हेराल्ड की 2000 करोड़ की संपत्ति को बचाने का प्रयास है।