उद्धव ठाकरे सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। महाराष्ट्र में हो रही राजनीतिक उठापटक से दिल्ली में भी हलचल तेज हो गई है। आइए जानते हैं कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए संख्या का क्या गणित है।
महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर से भयंकर भूचाल मचा हुआ है। यह तब हुआ जब सरकार में मंत्री एकनाथ शिंदे शिवसेना के 14 और 10 निर्दलीय विधायकों के साथ गुजरात के सूरत में है। इनमें महाराष्ट्र सरकार के 3 मंत्री भी शामिल हैं। बताया जा रहा ही कि इन सभी का फोन स्विच ऑफ है। इसके साथ ही उद्धव ठाकरे सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इसी बीच आइए जानते हैं कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए संख्या का क्या गणित है।
दरअसल, महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सदस्य हैं। शिवसेना के एक विधायक के निधन के बाद यह संख्या 287 है और सरकार के लिए 144 विधायक चाहिए। महा विकास अघाड़ी के पास 169 विधायकों का समर्थन हासिल है। मौजूदा सरकार में शिवसेना के 56, एनसीपी के 53 और कांग्रेस के 44 विधायक शामिल थे। इसके अलावा सपा के 2, पीजीपी के 2, बीवीए के 3 और 9 निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी सरकार को हासिल था।
भाजपा के पास कितने विधायक हैं, MVA पर क्या कमी
उधर विपक्ष के पास 113 विधायक हैं। इसमें बीजेपी के 106, आरएसपी के 1, जेएसएस के 1 और 5 निर्दलीय विधायक शामिल हैं। वहीं, अन्य दलों के पास 5 विधायक हैं। इसमें AIMIM के 2, सीपीआई का 1 और एमएनएस का 1 विधायक शामिल हैं। एकनाथ शिंदे के साथ बगावत करने वाले 26 विधायक हैं, जो उद्धव सरकार के साथ थे। ऐसे में अब उद्धव सरकार से इन 26 विधायकों का समर्थन हटा देते हैं तो 143 विधायक बचते हैं।
निर्दलियों का होगा अहम रोल, मुश्किल में उद्धव ठाकरे सरकार
अगर निर्दलीय और अन्य छोटी पार्टियों के 2 से 3 विधायक अगर ठाकरे सरकार का साथ छोड़ देते हैं तो सरकार के लिए विधानसभा में बहुमत साबित करना मुश्किल हो जाएगा। सरकार के लिए एक दिक्कत यह भी है कि एनसीपी के दो विधायक जेल में हैं, जिसके चलते राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव में वे वोट भी नहीं दे सके। अब देखना यह है कि यह संख्या किसकी तरफ झुकती है।
दिल्ली में शाह और नड्डा की हुई मीटिंग, फडणवीस भी पहुंच रहे
फिलहाल महाराष्ट्र में हो रही राजनीतिक उठापटक से दिल्ली में भी हलचल तेज हो गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर मिलने पहुंचे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी मुंबई से दिल्ली के लिए निकल गए हैं। इधर, शिंदे विधायकों के साथ अब से कुछ देर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं। अब देखना है कि महाराष्ट्र की राजनीति किस ओर करवट लेती है।