गोपाल कृष्ण गांधी ने अपनी उम्मीदवारी से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं विपक्ष से उम्मीदवार करूंगा कि वह किसी और नाम पर विचार करे, जो मुझसे कहीं बेहतर राष्ट्रपति साबित हो सकता हो।
महात्मा गांधी के पोते गोपालकृष्ण गांधी ने विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने से इनकार कर दिया है। उन्होंने बयान जारी कर कहा कि वह संयुक्त विपक्ष की ओर से अपने नाम की पेशकश किए जाने को लेकर आभारी हैं। इसके साथ ही उन्होंने अपनी उम्मीदवारी से भी इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं विपक्ष से उम्मीदवार करूंगा कि वह किसी और नाम पर विचार करे, जो मुझसे कहीं बेहतर राष्ट्रपति साबित हो सकता हो। इससे पहले 15 जून को विपक्ष की ओर से कैंडिडेट बनाए जाने के कयासों पर उन्होंने कहा था कि अभी इस बारे में कोई भी टिप्पणी करना जल्दबाजी होगा।
कौन बनेगा विपक्ष का चेहरा, कल भी है एक मीटिंग
रिपोर्ट्स के मुताबिक विपक्ष के कुछ नेताओं ने गोपाल कृष्ण गांधी से फोन पर बात की थी और उन्हें राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने का ऑफर दिया था। इससे पहले 2017 में वेंकैया नायडू के मुकाबले विपक्ष ने उन्हें उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार भी बनाया था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। गोपाल कृष्ण गांधी पूर्व में राजनयिक रहे हैं। इसके अलावा पश्चिम बंगाल के गवर्नर के तौर पर भी वह 2004 से 2009 तक सेवाएं दे चुके हैं। यही नहीं द. अफ्रीका और श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त के तौर पर भी वह काम कर चुके हैं।
शरद पवार और फारूक अब्दुल्ला भी कर चुके हैं इनकार
बता दें कि राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर विपक्ष के बीच अब तक कोई सहमति नहीं बन पाई है। पिछले सप्ताह ममता बनर्जी ने दिल्ली में विपक्ष की मीटिंग इस मसले पर बुलाई थी। इसमें कांग्रेस समेत 17 दलों के नेता शामिल हुए थे। बैठक में कुछ नेताओं ने एनसीपी के लीडर शरद पवार को चुनाव में उतारे जाने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन मराठा छत्रप ने इससे इनकार कर दिया था। उनका कहना था कि वह अभी सक्रिय राजनीति में रहना चाहते हैं। उनके अलावा फारूक अब्दुल्ला भी इससे इनकार कर चुके हैं। ऐसे में गोपाल कृष्ण गांधी के नाम की चर्चाएं थीं, लेकिन अब उनकी ओर से भी इनकार के बाद विपक्ष को नया चेहरे की ओर देखना होगा। बता दें कि शरद पवार ने मंगलवार को राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर दिल्ली में विपक्ष की मीटिंग बुलाई है।