छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में बोरवेल में गिरे मासूम को निकालने 87 घंटे से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। टनल में पत्थर आने की वजह से सेना, NDRF और SDRF की टीम को रेस्क्यू करने में दिक्कतें आ रही हैं।
छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में बोरवेल के गड्ढे में गिरे मासूम को निकालने 87 घंटे से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। मासूम 80 फीट की गहराई वाले गड्ढे में गिरा है और लगभग 60 फीट में फंसा है। बच्चे को निकालने सेना, NDRF और SDRF की टीम लगी हुई है। रोबोटिक्स टीम को सफलता नहीं मिलने के बाद ड्रीलिंग मशीनों से खुदाई का काम जारी है। लगभग 20 फीट का टनल बनाना था, लेकिन भारी पत्थर की वजह से रेस्क्यू काम की गति धीमी हो गई है। बिलासपुर से मंगाई गई छोटी ड्रील मशीन से खुदाई की गई। बोरवेल के गड्ढे के करीब पहुंचने के बाद अब हाथों से खुदाई हो रही है। एक फीट के आसपास और ड्रीलिंग होनी है। बच्चे की हलचल ने उम्मीद बांध रखी है। कुछ घंटों बाद राहुल के बाहर आने की उम्मीद है।
बता दें कि मुताबिक जांजगीर-चांपा जिले के मालखरौदा के पिहरीद गांव में 11 साल का राहुल साहू शुक्रवार को खेलते-खेलते घर के पीछे की तरफ चला गया। राहुल के पिता रामकुमार उर्फ लाला साहू ने घर की बाड़ी में बोर खुदवाया था। वह बोर फेल हो गया था। बोर को खुला छोड़ दिया गया है। दोपहर बोरवेल के गड्ढे में राहुल गिर गया। परिजन जब बाड़ी की तरफ गए तो बच्चे की रोने की आवाज आई, जिसे सुनकर परिजनों को घटना की जानकारी हुई। घटना की जानकारी मिलते ही कलेक्टर जितेंद्र कुमार शुक्ला, एसपी विजय अग्रवाल, एसडीएम रेना जमील, एडिशनल एसपी अनिल सोनी सहित जिला व पुलिस प्रशासन की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी है। मासूम राहुल साहू को निकालने के प्रयास का चौथा दिन चलता रहा।
रविवार की रात करीब 11 बजे एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम ने बोर से दूर छोड़ी गई मिट्टी की भारी भरकम दीवार को काटकर टनल बनाने की शुरुआत की थी। अफसरों को उम्मीद थी कि यह काम करीब 6 घंटे में पूरा हो जाएगा, लेकिन चट्टान आने की वजह से 6 घंटे का काम 25 घंटे बाद भी पूरा नहीं हो सका था। सोमवार की रात 10 बजे तक सुरंग बोर के करीब पहुंचने और बच्चे की सुरक्षा को देखते हुए हाथ से खुदाई शुरू होने की बात कही गई। इससे पहले छोटी ड्रील मशीन से खुदाई की गई। वहीं उड़ते धूल को बाहर निकालने स्मोक फिल्टर भी लगाए गए हैं। आज उम्मीदों का मंगलवार माना जा रहा है। कुछ घंटों के बाद राहुल के बाहर निकलने की उम्मीद है। बोरवेल से निकालने के बाद उसे सीधा बिलासपुर ले जाया जाएगा।
बच्चे को पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन दिया जा रहा है। 6 जेसीबी व 4 चैन माउनटेन, 3 फायर ब्रिगेड, हाइड्रा, स्टोन ब्रेकर, 10 ट्रैक्टर, होरिजेंटल ट्रंक मेकर जैसी मशीनों से काम लिया गया। बोरवेल के मानतर गड्ढा किया किया गया। हैवी ड्रील मशीन से पत्थर को तोड़ा गया। बोरवेल में फंसे बच्चे तक रात में जूस व फल भी पहुंचाया गया। बच्चे को सुबह जूस दिया गया। बच्चे को रेस्क्यू करने ओडिशा के कटक, गुजरात के सूरत व आंध्र प्रदेश से एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया है। सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ राहुल को बोरवेल से निकलने में जुटी हुई है। एक या दो फीट सुरंग की खुदाई और की जानी चाहिए। पत्थरों की वजह से खुदाई में दिक्कत आ रही है।
राहुल के रेस्क्यू ऑपरेशन में जांजगीर कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला, एसपी विजय अग्रवाल के साथ 4 आईएएस, 2 आईपीएस, 1 एएसपी, 2 डिप्टी कलेक्टर, 5 तहसीलदार, 4 डीएसपी, 8 इंस्पेक्टर सहित रायगढ़, दुर्ग, बिलासपुर से भी बचाव दल की टीम लगी हुई है। मौके पर पुलिस के करीब 120 जवान बचाव कार्य में लगे हुए हैं। इसके अलावा 32 एनडीआरएफ, 15 एसडीआरएफ और सेना के जवान दिन-रात रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं। जिला प्रशासन के 500 अधिकारियों-कर्मचारियों की फौज गांव में मौजूद है। आपात चिकित्सा, फायर ब्रिगेड, बिजली विभाग का अमला गांव में ही मौजूद है। सीएम भूपेश बघेल भी लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ले रहे हैं। कलेक्टर जितेंद्र कुमार शुक्ला ने जल्द ही राहुल को सुरक्षित निकालने की बात कह रहे हैं।