शहर अब शांत:शहर में अभी निषेधाज्ञा लागू रहेगी, पर दुकानें खुली रहेंगी; आज सुबह से इंटरनेट सेवा शुरू

मेन रोड में शुक्रवार को हुए बवाल के बाद पुलिस और जिला प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए शनिवार काे बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी है। नतीजा यह रहा कि शनिवार को रांची में पूरी तरह शांति रही। हिंदू संगठनों ने शनिवार को रांची बंद का आह्वान किया था। लेकिन, शनिवार को बिना सड़क पर निकले ही लोगों ने अपनी दुकानें बंद रखीं। सड़कों पर ऐसा सन्नाटा पसरा था, मानो जैसे कर्फ्यू लगा हो। मेन रोड, बहु बाजार, कर्बला चौक में जिला पुलिस के साथ-साथ रैपिड एक्शन फोर्स, एटीएस और जगुआर के जवानों की भी तैनाती की गई थी। शहर के 12 थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लगाई गई थी।

गृह सचिव राजीव अरुण एक्का ने आदेश जारी कर कहा है कि रविवार सुबह चार बजे से इंटरनेट सेवा बहाल कर दी जाएगी। इधर, राजधानी के 12 थाना क्षेत्रों में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन की ओर से निषेधाज्ञा लगा दी गई है, जाे अगले आदेश तक लागू रहेगी। हालांकि, प्रशासन ने दुकानों को बंद रखने का कोई आदेश नहीं दिया है, लेकिन अधिकतर व्यवसायी असमंजस में हैं, क्योंकि, निषेधाज्ञा को सख्ती से लागू कराया गया है।

ऐसे में दुकानों में 5 से अधिक कर्मचारियों के जुटने और ग्राहकों के आने पर क्या होगा, इसी उधेड़बुन में व्यवसायी दिनभर परेशान रहे। जब दैनिक भास्कर ने सदर एसडीओ दीपक दुबे से इस संबंध में पूछा, तो उन्होंने बताया कि अगले आदेश तक निषेधाज्ञा लागू रहेगी। हालात की समीक्षा करने के बाद ही निषेधाज्ञा हटाने पर विचार किया जाएगा। जब तक निषेधाज्ञा लागू है, तब तक लोग संयम बरतें।

हाईकाेर्ट एडवाेकेट एसाेसिएशन से सुबह दस बजे मिलेगा काॅजलिस्ट

इंटरनेट बंद रहने के कारण हाईकाेर्ट में काॅजलिस्ट वेबसाइट पर अपलाेड नहीं हाे सका। ऐसे में हाईकाेर्ट एडवाेकेट एसाेसिएशन के सचिव नवीन कुमार व संयुक्त सचिव प्रशासन अमित सिन्हा ने बताया कि जाे अधिवक्ता काॅजलिस्ट की फाेटाेकाॅपी लेना चाहें वह सुबह दस बजे से दोपहर तीन बजे तक वहां जाकर इसे ले सकते हैं।

साहिल काे कांटाटोली कब्रिस्तान में दी मिट्‌टी

शुक्रवार को हुए उपद्रव में गोली लगने से कैफी उर्फ तौशिर और साहिल अंसारी की मौत हो गई थी। कैफी उर्फ तौशिर को हिंदपीढ़ी स्थित बच्चा कब्रिस्तान में मिट्टी दी गई। साहिल के परिजनों द्वारा दिए गए लिखित आवेदन को पहले थाने में प्राथमिकी के लिए रिसीव कराया गया, उसके बाद जनाजा निकला। इसके बाद कांटा टोली कब्रिस्तान में साहिल अंसारी को मिट्‌टी दी गई।

रिम्स में आठ घायल इलाजरत, जिनमें पांच सर्जरी आईसीयू में

उपद्रव के बाद शुक्रवार को पुलिस के एक जवान सहित 13 युवकों को रिम्स में भर्ती कराया गया था। इनमें से दाे की देर रात में ही मौत हो गई थी। जबकि, मामूली रूप से घायल तीन को प्राथमिक उपचार के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया था। शनिवार देर रात तक रिम्स में आठ घायल इलाजरत थे। सभी के शरीर के किसी न किसी अंग में गोली लगी है। कुल आठ इलाजरत में एक हिंदपीढ़ी निवासी 24 वर्षीय नदीम अंसारी की स्थिति काफी गंभीर है।

रिम्स के ट्रॉमा सेंटर में उसे वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है। डॉक्टरों के अनुसार, सेहत में लगातार गिरावट हो रही है। डॉ. प्रदीप भट्टाचार्य ने बताया कि उक्त युवक के गले में गोली लगी थी। पांच घायल सर्जरी आईसीयू में डॉ. विनोद प्रताप की यूनिट में भर्ती है।

कानपुर जैसी रांची में पत्थरबाजी, पीएफआई का हो सकता है हाथ

एमजी रोड में हुई हिंसा के पीछे पोपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के हाथ होने की आशंका है। क्योंकि, पूर्व की रघुवर सरकार ने 2019 में पीएफआई को प्रतिबंधित कर दिया था। इससे नाराज पीएफआई एक बार फिर यहां संगठन को मजबूत बनाने में जुटा है। कोरोना काल की वजह से बड़ा कोई प्रदर्शन नहीं हुआ था। इसलिए, पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी के बाद देश के कई शहरों में हिंसक प्रदर्शन की बिसात बिछाई गई।

कानपुर में 3 जून को जिस तरह हिंसा और पत्थरबाजी की घटना हुई, उसी तर्ज पर रांची में भी पत्थरबाजी हुई। इससे शक की सुई पीएफआई की ओर जा रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार इस बिंदु पर भी जांच चल रही है। मेन राेड में हुई हिंसा में ज्यादातर किशोर व युवा ही आगे-आगे थे, जाे पत्थरबाजी और नारेबाजी कर रहे थे। पीएफआई का फोकस भी इसी एज ग्रुप के लड़के होते हैं।

परिजनों ने कहा- आंसू गैस और वाटर कैनन से रोक सकते थे भीड़

शहर के मेन राेड पर उपद्रव के दौरान पुलिस की गोलीबारी में मारे गए लोअर बाजार थाना क्षेत्र के कर्बला टैंक रोड निवासी 24 वर्षीय साहिल के भाई शोएब अंसारी, रिश्तेदार और पड़ाेसियाें में पुलिस-प्रशासन के प्रति गुस्सा है। उन्होंने कहा कि लोगों ने विरोध मार्च ही तो निकाला था। अगर भीड़ उग्र थी, तो उन पर पुलिस आंसू गैस और रबर बुलेट चला कर रोक सकती थी। वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया जा सकता था। लेकिन पुलिस ने सीधे गोली चलाई।

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