फेम-2 स्कीम के चलते प्रति किलोवाट (kwh) पर 15,000 रुपए तक की सब्सिडी मिल जाती है। वहीं, राज्य सरकार भी अपने स्तर पर ईवी पर कई बेनीफिट्स दे रही हैं। अब स्टूडेंट्स को फायदा देने नई स्कीम आई है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल (Electric Vehicles) की सेल्स को बढ़ाने के लिए सरकार फेम-2 स्कीम चला रही है। इस स्कीम के चलते ग्राहकों को ईवी खरीदने पर फायदा मिल जाता है। फेम-2 स्कीम के चलते प्रति किलोवाट (kwh) पर 15,000 रुपए तक की सब्सिडी मिल जाती है। वहीं, राज्य सरकार भी अपने स्तर पर ईवी पर कई बेनीफिट्स दे रही हैं। इसी बीच एक नई स्कीम के चलते उन ग्राहकों को इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर (Electric Two Wheeler ) खरीदने पर 12 हजार रुपए की एक्स्ट्रा सब्सिडी मिलेगी जो पढ़ाई कर रहे हैं। आसान शब्दों में कहा जाए तो स्टूडेंट्स को फायदा पहुंचाने के लिए ये नई स्कीम शुरू की है।
राज्य सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने के लिए छात्रों या उनके परिजनों को प्रोत्साहन दे रही है। इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर की खरीद पर छात्रों को 12,000 रुपए तक की छूट का लाभ उठा सकते हैं। इस प्रोग्राम के तहत इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीकल की खरीदारी पर 48,000 रुपए की सब्सिडी दी जा रही है, इससे रोजगार का भी लाभ होगा। वही इस योजना के अधिक जानकारी के लिए आप गुजरात सरकार के GEDA विभाग के आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं। फिलहाल योजना का लाभ गुजरात के लोगों को मिलेगा।
गुजरात एनर्जी डेवेलपमेंट एजेंसी (GEDA) द्वारा संचालित इस प्रोग्राम के तहत स्टूडेंट्स इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर खरीदने पर इस स्कीम का फायदा मिलेगा। इस योजना के मुताबिक, 9th क्लास से लेकर कॉलेज जाने वाले स्टूडेंट इस योजना के चलते सब्सिडी का फायदा ले पाएंगे। 9th क्लास से नीचे वाले स्टूडेंट्स को इसका फायदा नहीं मिलेगा। इस स्कीम का फायदा लेने के लिए एलिजबल स्टूडेंट्स को पहले कोई इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर खरीदना होगा। इसके बाद सरकार स्टूडेंट या पेरेंट्स के अकाउंट में 12 हजार रुपए की सब्सिडी लौटा देगी।
जो स्टूडेंट्स इस सब्सिडी का लाभ लेने के लिए नया इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर खरीद रहे हैं। उन्हें इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि उसकी स्पीड 25km/h से ज्यादा नहीं होना चाहिए। यानी ये सब्सिडी लो-स्पीड कैटेगरी वाले इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर पर दी जा रही है। गुजरात सरकार द्वारा संचालित इस योजना को बाइक सहाय योजना के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, इन टू-व्हीलर की स्पीड 25km/h से ज्यादा नहीं होती, उनका रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं होती। साथ ही, इन गाड़ी को बिना लाइसेंस के चलाया जा सकता है।