Delhi Metro News: अब दिल्ली मेट्रो की नहीं थमेगी रफ्तार, जानिये- क्या कारगर साबित होगा डीएमआरसी का ताजा उपाय

दिल्ली मेट्रो रेल निगम द्वारा संचालित मेट्रो लाइनों पर ओएचई (ओवर हेड इक्विपमेंट) टूटने की घटनाएं रोकने के लिए करीब चार साल पहले दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने पहल की। इसके तहत ओएचई से जुड़े पुराने उपकरणों को बदलने, कुछ अत्याधुनिक उपकरण और बर्ड स्पाइक डिस्क लगाने की पहल की गई। पांच हजार जगहों पर करीब 10 हजार बर्ड स्पाइक डिस्क लगाए जा चुके हैं, ताकि चिड़िया के टकराने से ओएचई नहीं टूटने पाए।

बावजूद इसके ओएचई टूटने से मेट्रो का परिचालन प्रभावित होने की घटनाएं रोकने के डीएमआरसी के प्रयास पूरी तरह सफल नहीं हो रहे हैं। दरअसल, पुराने मेट्रो कारिडार के ओएचई में पहले कापर स्प्लिट पिन लगाए गए थे। जल्द गर्म हो जाने के कारण कापर के टूटने की आशंका रहती है।

 

ऐसे में डीएमआरसी ने पुराने मेट्रो कारिडोर के ओएचई से कापर स्प्लिट पिन बदलकर उससे ज्यादा मजबूत स्टेनलेस स्टील के स्प्लिट पिन लगाने की योजना बनाई। सितंबर 2018 में डीएमआरसी ने इसके लिए पहल की। इसके अलावा बर्ड स्पाइक डिस्क, कैटेनरी बाईपास जम्पर इत्यादि लगाने की पहल की गई।

डीएमआरसी के प्रवक्ता अनुज दयाल का कहना है कि 56.11 किमी लंबी ब्लू लाइन मेट्रो का दूसरा सबसे बड़ा और व्यस्त कारिडोर है। छह जून को देर शाम भी इंद्रप्रस्थ और यमुना बैंक के बीच ओएचई टूटने से परिचालन प्रभावित हुआ था।

 

दिल्ली मेट्रो के एलिवेटेड कारिडोर पर ओएचई टूटने की घटनाएं अधिक होती हैं, जबकि मौजूदा समय में दिल्ली मेट्रो का करीब 240 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड है। यमुना बैंक से इंद्रप्रस्थ, शाहदरा से शास्त्री पार्क, जहांगीरपुरी से आजादपुर, मयूर विहार से न्यू अशोक नगर के बीच और झुग्गी बस्तियों के नजदीक स्थित कारिडार पर ओएचई से संबंधित परेशानियां अधिक आती रही हैं।

डीएमआरसी का कहना है कि अब तक मेट्रो लाइनों के 10 हजार से अधिक जगहों पर करीब 22 हजार कापर स्प्लिट पिन बदलकर स्टेनलेस स्टील के स्प्लिट पिन लगाए जा चुके हैं। ओएचई के इंसुलेटर के पास पांच हजार जगहों पर अब तक बर्ड स्पाइक डिस्क लग गए हैं। इसके अतिरिक्त 12 हजार जगहों पर करीब 30 हजार बर्ड स्पाइक डिस्क लगाना बाकी है। रात में मेट्रो का परिचालन बंद होने के बाद यह काम होता है। लिहाजा, इसके लिए चार से पांच घंटे का समय ही मिल पाता है। फिर भी जल्द काम पूरे हो जाएंगे। पहले की तुलना में ओएचई टूटने की घटनाएं कम हुई हैं।

वहीं, मेट्रो में सफर करने वाले यात्रियों के लिए बृहस्पतिवार का दिन कष्टदायक रहा। सुबह में ब्लू पर परिचालन प्रभावित होने के बाद शाम को रेड लाइन (रिठाला-दिलशाद गार्डन-न्यू बस अड्डा गाजियाबाद) पर मेट्रो ट्रेन में खराबी आ गई। इससे रेड लाइन पर न्यू बस अड्डा से रिठाला के बीच मेट्रो का परिचालन करीब 45 मिनट प्रभावित रहा। शाम करीब सवा छह बजे इस कारिडोर पर परिचालन सामान्य हुआ। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के अनुसार दिलशाद गार्डन से रिठाला की ओर जा रही मेट्रो में शाम 5:35 बजे तकनीकी खराबी आ गई जिससे मेट्रो रुक गई। बाद में किसी तरह उसे ठीक करके धीमी गति में इंद्रलोक स्टेशन तक ले जाकर उसे परिचालन से हटाया गया। उसके बाद परिचालन सामान्य हुआ।

नोएडा के लोग भी हुए परेशान

ब्लू लाइन में तकनीकी खराबी के कारण एक बार फिर लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा है। सुबह करीब साढ़े सात बजे बिजली सप्लाई का तार क्षतिग्रस्त होने से मेट्रो की सेवाएं प्रभावित हो गईं। इस दौरान आफिस और काम पर जाने के लिए लोगों की भीड़ लगी रही। करीब तीन घंटे बाद स्थिति सामान्य हो सकी।

 

मेट्रो का परिचालन बाधित होने से नोएडा स्थित मेट्रो स्टेशनों पर लोगों की भीड़ लगी रही। पीक आवर में कैब व आटो न मिलने से भी लोग परेशान हुए हैं। सेक्टर-16, 18, 34, 61, 62 मेट्रो सहित शहर के 12 मेट्रो स्टेशनों पर परेशानी बनी रही। मेट्रो प्रभावित होने से हजारों की संख्या में लोग देरी से आफिस पहुंचे। डीमएआरसी की तरफ से ट्वीट कर दी गई जानकारी के मुताबिक ब्लू लाइन पर इस दौरान दो लूप में यमुना बैंक से नोएडा इलेक्ट्रानिक सिटी के लिए मेट्रो मिलती रही है।

 

 

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