Twitter Trend Against India In Gulf Countries: पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी को लेकर खाड़ी देशों में भारत का विरोध देखने को मिला है। ओमान के ग्रैंड मुफ्ती ने सभी मुस्लिम देश को इस मामले में एकसाथ आने का आह्वान किया था। खाड़ी देशों में भारत के खिलाफ ट्विटर ट्रेंड चलाए गए, जिसमें पाकिस्तान के ट्विटर हैंडल शामिल हैं।
पाकिस्तान का सर्वोच्च सम्मान निशान-ए-पाकिस्तान पाने वाले ओमान के ग्रैंड मुफ्ती शेख अहमद बिन हमाद अल खलीली ने बीजेपी के खिलाफ मुहिम की शुरुआत की। ग्रैंड मुफ्ती ने ट्वीट किया कि भारत की सत्तारूढ़ पार्टी के प्रवक्ता ने इस्लाम के दूत के खिलाफ एक ढीठ और अपमानजनक टिप्पणी की है। ये एक ऐसा मामला है जिसके खिलाफ दुनिया भर के मुस्लिमों को एक साथ आना चाहिए। ग्रैंड मुफ्ती ने भारतीय उत्पादों के बहिष्कार का भी आह्वान किया, वहीं कई ट्विटर हैंडल ने सभी भारतीय निवेश को अपने कब्जे में लेने और भारतीयों की छंटनी करने का आग्रह किया।
भारत का विरोध हो तो भला पाकिस्तान इसमें कैसे पीछे रह सकता है। ग्रैंड मुफ्ती के इस बयान को सबसे पहले पाकिस्तान ने लपक लिया और जमकर भारत के खिलाफ खाड़ी देशों में ट्विटर पर मुहिम चलाई। तुर्की भी भारत विरोध पाकिस्तान के साथ आ गया। खाड़ी देशों में इससे जुड़े टॉप-10 हैशटैग ट्विटर पर ट्रेंड करते दिखे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक खाड़ी देशों में इन ट्वीट्स को ट्रेंड कराने में पाकिस्तान ने बड़ा रोल निभाया है। पाकिस्तान से जुड़े ट्विटर हैंडल ने भारत के खिलाफ इस मुहिम को चलाया।
ओमान के भारत से हमेशा अच्छे रिश्ते रहे हैं। ओमान के अंतिम शासक सुल्तान कबूस बिन सईद अल सैद ने मस्कट में एक शिव मंदिर का जीर्णोद्धार कराया और एक यज्ञ के लिए भी पुजारियों को आमंत्रित किया। 2018 में ओमान के दौरे पर गए पीएम नरेंद्र मोदी ने भी शिव मंदिर का दौरा किया था। एक ऐसे समय में जब खाड़ी देश पाकिस्तान की ओर झुके हैं, ऐसे में ओमान के भारत से गहरे संबंध हैं। भारतीय नौसेना और एयरफोर्स के बेस यहां मौजूद हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात ये कि ओमान की लगभग एक चौथाई आबादी भारतीय प्रवासियों की है और वे ओमान के सबसे अमीर समुदायों में से एक हैं।
ईरान ने राजदूत को किया तलब
अपने विदेश मंत्री की भारत यात्रा से कुछ सप्ताह पहले ईरान ने पैगंबर मोहम्मद पर भाजपा नेताओं की टिप्पणियों को लेकर अपने विदेश मंत्रालय में भारतीय राजदूत को तलब किया है। ईरान से पहले कतर और कुवैत ने भी भारत के राजदूतों को तलब किया और उन्हें विरोध पत्र सौंपे। कतर में भारतीय दूतावास ने पहले ही एक बयान जारी कर कहा था कि ‘‘राजदूत की विदेश कार्यालय में एक बैठक थी, जिसमें भारत में व्यक्तियों द्वारा धार्मिक व्यक्तित्व को बदनाम करने वाले कुछ आपत्तिजनक ट्वीट्स के संबंध में चिंता व्यक्त की गई। राजदूत ने बताया कि ट्वीट किसी भी तरह से भारत सरकार के विचारों को नहीं दर्शाता है, ये तुच्छ तत्वों के विचार हैं। वहीं तालिबान ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अफगानिस्तान पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अपमानजन टिप्पणी की आलोचना करता है। हम भारत सरकार से अपील करते हैं कि वे इन तत्वों को इस्लाम का अपमान न करने दें। इससे मुस्लिमों की भावनाएं आहत होती हैं।