सपा मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे स्व. बलिहारी बाबू के बेटे एवं सपा नेता सुशील आनंद (Sushil Anand) के नाम पर अपनी सहमति जता दी है। बस कुछ ही देर में इसकी आधिकारिक घोषणा हो जाएगी।
अखिलेश यादव ने सुशील पर जताया भरोसा
अखिलेश यादव के मैनपुरी के करहल विधानसभा सीट से चुनाव जीतने के बाद आजमगढ़ लोकसभा के सांसद पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसको लेकर आजमगढ़ सीट पर उपचुनाव होना है। साथ ही रामपुर लोकसभा सीट पर भी उपचुनाव होना है। वहीं, अखिलेश ने सुशील आनंद को टिकट देकर बसपा को कही न कही तगड़ा झटका दे दिया है। बसपा ने इस सीट से शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा और कांग्रेस ने अभी तक दोनों में से किसी भी सीट पर प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है।
सुशील आनंद सपा के वरिष्ठ नेता बलिहारी बाबू के बेटे हैं। पिछले साल अप्रैल में बीमारी के कारण बलिहारी बाबू की मृत्यु हो गई थी। जिसके चलते अब उनकी राजनीतिक विरासत को सुशील आनंद ही संभाल रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, सुशील आनंद 2022 विधानसभा चुनाव में आजमगढ़ की मुबारकपुर सीट से टिकट भी मांग रहे थे, लेकिन किसी कारणवश उन्हें टिकट नहीं मिल पाया था. लेकिन अब सपा मुखिया अखिलेश यादव ने आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में सुशील आनंद पर भरोसा जताया है।
बता दें कि बलिहारी बाबू बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम के खासमखास रहे हैं। बसपा ने उनको 2006 में राज्यसभा भी भेजा था, लेकिन बिना कार्यकाल पूरा किए ही 2009 में उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद बलिहारी बाबू ने पार्टी छोड़कर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली। 2012 में विधानसभा, 2014 में संसदीय चुनाव में लालगंज सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन पराजित हो गए। वहीं, 2017 में बसपा सुप्रीमो मायावती के कहने पर फिर से हाथी पर सवार हो गए, लेकिन वापसी के बाद वह ओहदा नहीं रहा और पार्टी में अनदेखी की वजह से उन्होंने 2020 में समाजवादी पार्टी की सदस्यता ले ली थी।