Kulgam Teacher Shot Dead : जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग की एक और वारदात सामने आई है। कुलगाम में आतंकियों ने सरकारी स्कूल की टीचर रजनी बाला को गोली मार दी। रजनी ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। रजनी बाला की मौत की खबर सुनते ही क्लास में गर्ल स्टूडेंट बेहोश हो गई।
नई दिल्ली : कश्मीर में आतंकियों के निशाने पर कश्मीरी हिंदू लगातार बने हुए हैं। घाटी में आज आतंकियों ने स्कूल में घुस कर हिंदू कश्मीरी टीचर रजनी बाला के सिर में गोली मार दी। गंभीर रूप से घायल टीचर ने अस्पताल पहुंचने के बाद दम तोड़ दिया। रजनी की मौत की खबर मिलते ही क्लास में दहशत फैल गई। मौत की खबर सुनते ही क्लास में स्टूडेंट्स बेहोश हो गई। आतंकियों की दहशत और क्रूरता से अब महिलाएं और बच्चियां भी सुरक्षित नहीं है। जिस स्कूल में बच्चियां तालीम लेने जाती हैं वहां उन्हें नफरत और आतंक का घिनौना रूप देखने को मिल रहा है। आतंकियों की बर्बरता की दहशत का असर बच्चों को कोमल मन पर पड़ रहा है। आतंकियों के खौफ की वजह से बच्चियां क्लासरूम में ही बेहोश हो गई। स्थानीय जर्नलिस्ट्स की मदद से बच्चियों को क्लासरूम से बाहर लाया गया। इसके बाद उनके मुंह पर पानी के छीटें मारे गए।
स्कूल के पास पड़ा था महिला टीचर का पर्स
घटना के बार में स्थानीय लोगों ने बताया कि ये वारदात सुबह करीब 10 बजे हुई। आतंकियों द्वारा गोली मारे जाने के बाद रजनी बाला का पर्स और जूती स्कूल के बाहर ही पड़ी थी। एक ग्रामीण ने बताया कि मैंने देखा कि टीचर के सिर में गोली लगी है। उन्होंने बताया कि एक अन्य टीचर ने मदद के लिए उसे उठाया। गोपालपोरा ग्राम प्रधान ने कहा कि मैंने पुलिस को सूचना दी।
घटना के बार में स्थानीय लोगों ने बताया कि ये वारदात सुबह करीब 10 बजे हुई। आतंकियों द्वारा गोली मारे जाने के बाद रजनी बाला का पर्स और जूती स्कूल के बाहर ही पड़ी थी। एक ग्रामीण ने बताया कि मैंने देखा कि टीचर के सिर में गोली लगी है। उन्होंने बताया कि एक अन्य टीचर ने मदद के लिए उसे उठाया। गोपालपोरा ग्राम प्रधान ने कहा कि मैंने पुलिस को सूचना दी।
रोज 10 किलोमीटर पैदल जाती थी पढ़ाने
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रजनी बाला गोपालपोरा के हाईस्कूल में तैनात थी। वह रोज करीब 10 किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल में बच्चियों को पढ़ाने जाती थी। वह पिछले 5 साल से पढ़ा रही थीं। रजनी बाला ने आर्ट्स में मास्टर्स किया था। इसके अलावा उन्होंने बीएड और एमफिल की डिग्री भी ली थी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रजनी बाला गोपालपोरा के हाईस्कूल में तैनात थी। वह रोज करीब 10 किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल में बच्चियों को पढ़ाने जाती थी। वह पिछले 5 साल से पढ़ा रही थीं। रजनी बाला ने आर्ट्स में मास्टर्स किया था। इसके अलावा उन्होंने बीएड और एमफिल की डिग्री भी ली थी।
पीएम पैकेज फेल है, टीचरों ने लगाए नारे
रजनी बाला की हत्या के बाद टीचरों ने विरोध प्रदर्शन किया। टीचरों का कहना था कि घाटी में पीएम पैकेज पूरी तरह से फेल है। कश्मीरी पंडितों ने विरोध में बीबी कैंट रोड को बाधित कर दिया। ये लोग खुद को जम्मू में रिलोकेट किए जाने की मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि यदि अभी ऐसा नहीं हुआ तो फिर से 90 के दशक वाला नरसंहार दोहराया जाएगा।
रजनी बाला की हत्या के बाद टीचरों ने विरोध प्रदर्शन किया। टीचरों का कहना था कि घाटी में पीएम पैकेज पूरी तरह से फेल है। कश्मीरी पंडितों ने विरोध में बीबी कैंट रोड को बाधित कर दिया। ये लोग खुद को जम्मू में रिलोकेट किए जाने की मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि यदि अभी ऐसा नहीं हुआ तो फिर से 90 के दशक वाला नरसंहार दोहराया जाएगा।
एक महीने में टारगेट किलिंग की 7वीं घटना
स्कूल टीचर रजनी की मौत के बाद स्थानीय लोगों में शोक का माहौल है। कश्मीर में एक महीने में टारगेट किलिंग की यह सातवीं घटना है। इससे पहले सेंट्रल कश्मीर के बड़गाम में एक सरकारी कर्मचारी राहुल भट की आतंकवादियों ने उनके ऑफिस के अंदर गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे। भट को तीन सप्ताह पहले चदूरा शहर में तहसील कार्यालय के अंदर आतंकवादियों ने मार गिराया था। उन्हें 2010-11 में प्रवासियों के लिए विशेष रोजगार पैकेज के तहत एक क्लर्क की नौकरी मिली थी। वहीं, एक हफ्ते पहले, 35 वर्षीय सोशल मीडिया इन्फ्लूएंशर अमरीन भट की बडगाम जिले में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने कहा था कि हमला लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने किया था। इस महीने टारगेट किलिंग का शिकार हुए लोगों में तीन ऑफ-ड्यूटी पुलिसकर्मी थे, जबकि चार आम लोग थे।
स्कूल टीचर रजनी की मौत के बाद स्थानीय लोगों में शोक का माहौल है। कश्मीर में एक महीने में टारगेट किलिंग की यह सातवीं घटना है। इससे पहले सेंट्रल कश्मीर के बड़गाम में एक सरकारी कर्मचारी राहुल भट की आतंकवादियों ने उनके ऑफिस के अंदर गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे। भट को तीन सप्ताह पहले चदूरा शहर में तहसील कार्यालय के अंदर आतंकवादियों ने मार गिराया था। उन्हें 2010-11 में प्रवासियों के लिए विशेष रोजगार पैकेज के तहत एक क्लर्क की नौकरी मिली थी। वहीं, एक हफ्ते पहले, 35 वर्षीय सोशल मीडिया इन्फ्लूएंशर अमरीन भट की बडगाम जिले में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने कहा था कि हमला लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने किया था। इस महीने टारगेट किलिंग का शिकार हुए लोगों में तीन ऑफ-ड्यूटी पुलिसकर्मी थे, जबकि चार आम लोग थे।