पश्चिम बंगाल की कैबिनेट ने इस फैसले को मंजूरी दे दी है कि राज्य के विश्वविद्यालयों की चांसलर मुख्यमंत्री होंगी। इससे पहले राज्यपाल स्टेट रन यूनिवर्सिटी के चांसलर होते थे।
पश्चिम बंगाल की कैबिनेट ने फैसला किया है कि अब राज्य द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों के चांसलर गवर्नर नहीं बल्कि मुख्यंत्री होंगी। राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्या बसु ने कहा कि इस फैसले को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है और अब विधानसभा में कानून में संशोधन करके इसे लागू किया जाएगा। बता दें कि इससे पहले राज्य के विश्वविद्यालयों का चांसलर गवर्नर होते थे जो कि कुलपतियों की भी नियुक्ति करते थे।
एक साल से प्लान बना रही थी सरकार
बता दें कि पश्चिम बंगाल में राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच विवाद किसी से छिपा नहीं है। राज्य सरकार के इस फैसले के बाद एक बार फिर राजभवन और राज्य सरकार के बीच वाद-विवाद हो सकता है। इस फैसले को लेकर बात एक साल पहले से ही चल रही थी। राज्य सरकार का कहना था कि राज्यपाल की वजह से विश्विविद्यालयों के कुलपति की नियुक्ति में देरी हो रही है। उनका कहना था कि इन नियुक्तियों में राजनीतिक दखलअंदाजी हो रही है।
तमिलनाडु सरकार ने भी किया था ऐसा फैसला
ममता बनर्जी की सरकार का कहना था कि कुलपति की नियुक्तियों के लिए राज्यपाल के पास नाम भेजे जाते हैं लेकिन मंजुरी नहीं मिलती है। अब विधानसभा में एक नया बिल लाया जाएगा। इसके बाद कानून में संशोधन किया जाएगा। इसी तरह का फैसला तमिलनाडु की सरकार ने भी लिया था। तमिलनाडु में विधानसभा में बिल पेश करके राज्यपाल से कुलपतियों की नियुक्ति का अधिकार छीन लिया गया था।