लखनऊ: योगी सरकार (Yogi sarkar) अपने दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट 26 मई यानी गुरुवार को सदन में प्रस्तुत करेगी। वर्ष 2022-23 के इस पूर्ण बजट का आकार करीब 6.10 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। पिछला बजट 5,50,270.78 करोड़ रुपये का था। योगी सरकार अपने इस पहले बजट के जरिये चुनावों में किए गए वादों को पूरा करते हुए दिखेगी। राज्य के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना लगातार छठी बार सदन में बजट पेश करेंगे। सुरेश खन्ना के मुताबिक, यह बजट पेपरलेस होने के साथ ही एक समावेशी बजट होगा, जिसमें हर वर्ग का ख्याल रखा गया है। बजट में महिलाओं, युवाओं और किसानों को प्राथमिकता दी गई है और यूपी के इतिहास का यह सबसे बड़ा बजट होगा। इस बजट के जरिये यूपी के तमाम ख़्वाब पूरे होंगे। यूपी देश का सबसे संपन्न राज्य बनने की राह पर आगे बढ़ेगा।
जनता को इन चीजों की मिल सकती है सौगात
विधानसभा चुनाव के कारण चुनाव से पूर्व प्रदेश सरकार पूर्ण बजट नहीं प्रस्तुत कर सकी थी। बीते साल दिसंबर में चार महीने का लेखानुदान सदन में प्रस्तुत किया गया था, ताकि जरूरी खर्चे का प्रबंध हो सके। इसके बाद अब गुरुवार को सदन में पूर्ण बजट पेश किया जाएगा। इस बजट में प्रदेश सरकार के संकल्प पत्र की सबसे अहम घोषणा और किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली दिए जाने के संबंधी वादे को पूरा करने का ऐलान किया जा सकता है। सरकार इस बार भी इससे पूर्व बनी सरकार की तरह अपने पहले बजट को किसानों पर केंद्रित रख सकती है। इसका संकेत बुधवार को वित्त मंत्री ने दे दिया है। सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देने पर राज्य सरकार को सालाना करीब 1800 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करना होगा। किसानों के आलू, प्याज, टमाटर जैसी फसलों का न्यूनतम मूल्य सुनिश्चित करने के लिए भामाशाह भाव स्थिरता कोष बनाने की घोषणा भी बजट का हिस्सा होने की उम्मीद है। सिंचाई विभाग को बजट में 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा मिलने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री कृषि सिंचाई योजना बजट का आकर्षण होगी। इसमें सभी लघु एवं सीमांत किसानों के लिए बोरवेल, ट्यूबवेल, तालाब और टैंक निर्माण के लिए अनुदान की व्यवस्था होगी, जिसका बजट में उल्लेख हो सकता है।
इनकी घोषणा होने की उम्मीद
इसके अलावा मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत वित्तीय सहायता को 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार करने, 60 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को सार्वजनिक परिवहन (बसों) में मुफ्त यात्रा की सुविधा देने, विधवा व निराश्रित महिलाओं की पेंशन में वृद्धि, मेधावी छात्राओं को रानी लक्ष्मीबाई योजना के तहत मुफ्त स्कूटी वितरण जैसे संकल्पों के लिए भी बजट में इंतजाम किए जाने की चर्चाएं हैं। प्रदेश के सभी मंडलों में एंटी करप्शन ऑर्गनाइजेशन यूनिट की स्थापना, थानों में साइबर हेल्प डेस्क स्थापित करने की योजना भी बजट में शामिल की जा सकती है। पीडब्ल्यूडी के हिस्से 30 हजार करोड़ रुपये का बजट आने की उम्मीद है। बजट में शिक्षा के क्षेत्र में सबसे ज्यादा जोर विश्वविद्यालयों और आईटीआई की स्थापना पर होने की उम्मीद जताई जा रही है। स्वास्थ्य संबंधी ढांचागत सुविधाएं, कम कीमत में दवा उपलब्ध कराने के लिए छोटे-छोटे केंद्र और नए डायलिसिस केंद्रों की स्थापना के लिए भी बजट प्रावधान होगा। करीब 6.10 लाख करोड़ रुपये के इस बजट में करीब 1.25 लाख करोड़ रुपये (पूंजीगत मद) विकास कार्यों और नई योजनाओं के लिए होगा. अर्थशास्त्रियों को ऐसी उम्मीद है।