केंद्र सरकार उच्च शिक्षा में समग्र नामांकन का लक्ष्य पूरा करने के लिए एससी-एसटी और वंचित तबकों पर खास फोकस करेगी। इन वर्गों का नामांकन औसत से काफी कम है। लिहाजा नामांकन दर बढ़ाने के लिए मौजूदा योजनाओं
केंद्र सरकार उच्च शिक्षा में समग्र नामांकन का लक्ष्य पूरा करने के लिए एससी-एसटी और वंचित तबकों पर खास फोकस करेगी। इन वर्गों का नामांकन औसत से काफी कम है। लिहाजा नामांकन दर बढ़ाने के लिए मौजूदा योजनाओं की समीक्षा करने और प्रोत्साहन योजनाओं को आगे बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
गौरतलब है कि उच्च शिक्षा में सकल नामांकन दर वर्ष 2018 -19 में 26.3 से बढ़कर वर्ष 2019-20 में 27.1 हो गया। जबकि एससी, एसटी वर्ग में यह दर 23.4 से घटकर 18 प्रतिशत हो गई। सरकार इस गैप को भरने के लिए नई रणनीति पर काम कर रही है। इस गैप की वजहों को चिन्हित करके विभिन्न योजनाओं के तहत प्रोत्साहन के तरीकों पर गौर किया जाएगा। सरकार का लक्ष्य फिलहाल 2035 तक 50 फीसदी नामांकन दर का लक्ष्य है। यह तभी संभव है जब सभी वर्गों से नामांकन में समान रूप से बढ़ोतरी हो।
अधिकारियों ने कहा कि गरीब, दलित, आदिवासी (एससी, एसटी) वर्ग के छात्रों का नामांकन बढ़ाने के लिए विभिन्न पाठ्यक्रमों में नामांकन के दौरान शुरुआती खर्च को वहन करने का प्रस्ताव भी है। इसे ऋण देने या अन्य तरीकों से किया जा सकता है। छात्रवृत्ति की संख्या बढ़ाने और सीएसआर के तहत स्रोत तैयार करने के प्रस्ताव पर भी विचार हो रहा है। छात्रों को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत मिल रहे ज्यादा विकल्प और लचीलापन से भी नामांकन दर बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।