राहुल गांधी की विदेश यात्रा पर अकसर विवाद होता है। इस बार रिपोर्ट्स में कहा गया है कि उन्होंने यात्रा से पहले सरकारी मंजूरी नहीं ली थी। हालंकि कांग्रेस का कहना है कि सांसदों को इसकी जरूरत नहीं होती।
नेपाल यात्रा के बाद राहुल गांधी की लंदन यात्रा पर भी विवाद हो गया है। लंदन के कैंब्रिज विश्वविद्यालय में दिए गए उनके बयानों को लेकर चर्चा चल ही रही थी कि बीच में यह मुद्दा भी सामने आ गया कि उन्होंने विदेश जाने के लिए सरकारी मंजूरी नहीं ली थी। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि राहुल गांधी ने पॉलिटिकल क्लियरेंस के लिए विदेश मंत्रालय में अप्लाई नहीं किया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक किसी भी सांसद को विदेश जाने से पहले मंत्रालय से मंजूरी लेनी होती है। यात्रा से कम से कम तीन सप्ताह पहले वेबसाइट पर जानकारी अपलोड करने के बाद अप्रूवल मिलता है।
अगर किसी सांसद को व्यक्तिगत रूप से किसी सरकार या फिर विदेश संस्थान का निमंत्रण मिलता है तो विदेश मंत्रालय को इसकी जानकारी देनी होती है। हालांकि कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि सांसदों को विदेश जाने के लिए सरकार या फिर प्रधानमंत्री से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होती है। अगर वे किसी आधिकारी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होते हैं तभी सरकारी मंजूरी ली जाती है।
एक टीवी चैनल के पत्रकार ने सूत्रों के हवाले से राहुल गांधी की मंजूरी न लेने वाली बात ट्विटर पर पोस्ट की थी। इसपर जवाब देते हुए कांग्रेस के प्रमुख प्रवक्ता सुरजेवाला ने कहा, कृपया आंख बंद करके पीएमओ के वॉट्सऐप सजेशन को न मानें। हम आपसे बेहतर की अपेक्षा करते हैं।
कैंब्रिज में राहुल गांधी ने की चीन की तारीफ
राहुल गांधी ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम के दौरान चीन की तारीफ की। उन्होंने कहा कि चीन अपने पड़ोसी देशों को समृद्ध करने का काम कर रहा है और उनकी मदद कर रहा है। उन्होंने भारत सरकार के खिलाफ खुलकर बयानबाजी की। राहुल गांधी ने कहा कि भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था चरमरा गई है और लोकतांत्रिक संस्थाएं कमजोर हो गई हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि भारत में न्यायपालिका तक पर एक संगठन का कब्जा है।
दरअसल राहुल गांधी लंदन की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के ‘इंडिया ऐट 75’ कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे। यहां से उनकी एक तस्वीर भी वायरल हुई थी जिसपर भाजपा ने जमकर हमला किया। वह पूर्व ब्रिटिश सांसद जेरेमी कॉर्बिन के साथ खड़े थे। जेरेमी कॉर्बिन को भारत विरोधी रुख के लिए जाना जाता है। इसके अलावा उन्होंने कश्मीर के मामले में पाकिस्तान के बयान को सही ठहराते हुए इसे भारत से अलग करने की वकालत की थी।
‘भारत राष्ट्र नहीं’ बयान पर घिरे थे राहुल गांधी
कैंब्रिज में कार्यक्रम के दौरान भारतीय सिविल सेवा के एक अधिकारी ने उन्हें ‘भारत राष्ट्र नहीं, राज्यों का संघ’ वाले बयान पर भी घेर लिया। अधिकारी ने पूरी चर्चा ट्विटर पर शेयर की थी। इसमें उन्होंने कहा, आपने अनुच्छेद 1 का हवाला देकर कहा था कि भारत राज्यों का संघ है लेकिन अगर एक पन्ना पहले का देखें तो इसमें लिखा है कि भारत एक राष्ट्र है। अधिकारी ने चाणक्य का भी उदाहरण दिया। जब राहुल गांधी ने कहा, क्या उन्होंने नेशन शब्द का इस्तेमाल किया था? इसपर अधिकारी ने कहा कि राष्ट्र शब्द का इस्तेमाल किया था। राहुल गांधी ने कहा कि राष्ट्र साम्राज्य होता है। इसपर अधिकारी ने जवाब दिया कि नहीं राष्ट्र नेशन का ही संस्कृत शब्द है। यह वीडियो समाने आने के बाद अधिकारी की जमकर सराहना हुई।