सोशल मीडिया पर दोनों नेताओं की तस्वीरें वायरल हो रही हैं जिसमें वे दोनों भगवा गमछा पहने नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया यूजर्स देखकर हैरान हैं कि यह तस्वीरें कब की हैं।
ऑस्ट्रेलिया में आम चुनावों के परिणाम आ चुके हैं। इस चुनाव में प्रधानमत्री स्कॉट मॉरिसन की पार्टी को करारी हार मिली है और लेबर पार्टी के नेता एंथनी अल्बनीज ने जीत हासिल की है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और उनकी पार्टी को हराया है। इसी बीच सोशल मीडिया पर दोनों नेताओं की तस्वीरें वायरल हो रही हैं जिसमें वे दोनों भगवा गमछा पहने नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया यूजर्स देखकर हैरान हैं कि यह तस्वीरें कब की हैं।
दरअसल, पूर्व प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और नए प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज दोनों की तस्वीरें भगवा गमछा पहने वायरल हुई हैं। इन गमछों पर ओम का निशान भी बना हुआ है। इसके बाद कुछ यूजर्स का दावा है कि दोनों ने अपनी-अपनी जीत के बाद यह भगवा गमछा पहना है जबकि कुछ का दावा है कि अपने जीत के मन्नत के लिए दोनों ने ऐसा पहना था। इसकी क्या सच्चाई है आइए जानते हैं।
एबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह दोनों तस्वीरें चुनाव प्रचार के दौरान की हैं। इस महीने की शुरुआत में ही दोनों नेताओं ने वहां के हिंदू समुदायों के बीच अलग-अलग कार्यक्रमों में भाग लिया था। इस दौरान वे ऑस्ट्रेलिया के भारतीय प्रवासी मतदाताओं के बीच प्रचार कर रहे थे। रिपोर्ट के मुताबिक यह कार्यक्रम विश्व हिंदू परिषद ऑस्ट्रेलिया और हिंदू काउंसिल ऑफ ऑस्ट्रेलिया जैसी संस्थाओं द्वारा आयोजित किए गए थे।
रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि एचसीए और वीएचपी दोनों पंजीकृत ऑस्ट्रेलियाई चैरिटी संस्थाएं हैं। उनकी गतिविधियों का एक बड़ा हिस्सा सरकारी अनुदानों द्वारा वित्त पोषित है। इसका मकसद प्राचीन संस्कृत भाषा पढ़ाना, हिंदू संस्कृति का संरक्षण और डायस्पोरा के कमजोर सदस्यों को वित्तीय और चिकित्सा सहायता प्रदान करना शामिल है। इन चुनावों के दौरान दोनों तरफ के चुनावी अभियानों द्वारा भारतीय-ऑस्ट्रेलियाई समुदाय की मदद का प्रयास किया गया था।
ऑस्ट्रेलिया में हिंदू और भारतीय समुदाय को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर चर्चा करने के लिए चुनावी रणनीति का एक हिस्सा एचसीए जैसे संगठनों के साथ जुड़ रहा है। जिसमें वृद्ध लोगों की देखभाल, भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापार साझेदारी, वीजा और अन्य मुद्दे शामिल रहे। हालांकि इन वायरल तस्वीरों ने सोशल मीडिया समेत कई मंचों पर नए पैटर्न की बहस को जन्म दे दिया है।