योगी सरकार ने प्रदेश भर में लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल को लेकर नियम बनाए तो इसकी चौतरफा तारीफ हुई। अब उनके निर्देश पर गोरखनाथ मंदिर से उतारे गए लाउडस्पीकर प्रार्थना के लिए स्कूलों को सौंपे गए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धर्मस्थलों से उतारे गए लाउड स्पीकर स्कूलों को दिए जाने का निर्णय लिया है। उनके आदेश पर गोरखनाथ मंदिर प्रबंधन ने अपने यहां से उतारे गए दोनों लाउडस्पीकर जिला प्रशासन को सौंप दिए जिन्हें शुक्रवार को डीएम विजय किरण आनंद और एसएसपी विपिन ताडा ने सरकारी स्कूलों को सौंप दिया। स्कूलों में प्रार्थना, राष्ट्रगान और बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के समय इनका इस्तेमाल होगा।
सीएम योगी ने पिछले महीने सभी धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर की आवाज कम करने के लिए निर्देश जारी किए थे। गोरखनाथ मंदिर की स्वैच्छिक पहल के बाद निर्देश का अनुपालन पूरे प्रदेश में बिना भेदभाव बेहद शांतिपूर्ण तरीके से हुआ। गोरक्षपीठ ने मुख्यमंत्री गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के ट्वीट के बाद इस पर अमल करते हुए दूसरों को भी प्रेरित किया। मंदिर के सचिव द्वारिका तिवारी ने बताया कि वैसे तो गोरखनाथ मंदिर में पहले से ही लाउडस्पीकरों की आवाज कम रहती थी। यहां अनावश्यक लाउडस्पीकर नहीं बजते हैं। फिर भी मुख्यमंत्री के निर्देश पर यहां मंदिर की चहारदीवारी की तरफ लगे लाउडस्पीकरों का मुंह मंदिर परिसर की ओर करने के साथ ही इनकी आवाज को मानक (45 डेसिबल) से भी कम कर दिया गया। दो लाउडस्पीकर उतार भी दिए गए।
प्राइमरी स्कूल गोरखनाथ कन्या को उपलब्ध कराए स्पीकर
अब धर्मस्थलों से उतारे गए लाउडस्पीकर स्कूलों को दिए जाएंगे। अनुपालन के लिए गोरखनाथ मंदिर ने सबसे पहले पहल की है। शुक्रवार सुबह मंदिर प्रबंधन की तरफ से दो लाउडस्पीकर जिलाधिकारी विजय किरन आनंद और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विपिन ताडा को सौंप दिए गए। जिला प्रशासन ने इन लाउडस्पीकरों को प्राइमरी स्कूल गोरखनाथ कन्या और नगर क्षेत्र गोरखपुर (इंग्लिस मीडियम) को उपलब्ध करा दिया है। ये लाउडस्पीकर स्कूलों में बच्चों की प्रार्थना सभा, राष्ट्रगान और समय-समय पर स्कूलों में होने वाले सांस्कृतिक समारोहों और अन्य प्रतियोगी कार्यक्रमों में प्रयोग होंगे।
जनहित के निर्णय खुद पर लागू करने में सीएम योगी आगे
हेरिटेज फाउंडेशन की संरक्षिका डॉ अनिता अग्रवाल कहती हैं कि सीएम योगी आदित्यनाथ जनहित वाले निर्णय को सबसे पहले खुद पर लागू कर नजीर पेश करते रहे हैं। चाहे रोड चौड़ीकरण के लिए गोरखनाथ मंदिर परिसर की दुकानें तोड़ने का मामला हो या फिर गोरखनाथ मंदिर में लाउडस्पीकरों की आवाज कम करने का। स्कूलों के लिए लाउडस्पीकर देने पहल भी गोरक्षपीठ से हुई है।