झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्थर खनन आवंटन मामले में ईडी की ओर से झारखंड हाई कोर्ट में शपथपत्र दाखिल किया गया है। इसमें कहा गया है कि सीएम हेमंत सोरेन को खनन लीज आवंटित करने में खान सचिव पूजा सिंघल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मनी लांड्रिंग से जुड़े मामलों में भी वह शामिल रही हैं और इसका साक्ष्य भी ईडी को मिला है। इसके बाद चीफ जस्टिस डा. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने सभी प्रतिवादियों को 23 मई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
शपथपत्र में ईडी ने झारखंड हाई कोर्ट से आग्रह किया है कि अदालत में ईडी की ओर से प्रारंभिक जांच रिपोर्ट और अलार्मिंग दस्तावेज सौंपे गए हैं वह झारखंड पुलिस और झारखंड सरकार के नियंत्रण वाले किसी प्राधिकार को नहीं सौंपी जाए। अभी प्रारंभिक जानकारी दी गई है। जरूरत पड़ने पर ईडी इस मामले में पूरक शपथ पत्र दाखिल करेगी।
ईडी के सहायक निदेशक विनोद कुमार की ओर से उक्त शपथपत्र अदालत में दाखिल किया गया है। इसमें कहा है कि खूंटी में हुए मनरेगा घोटाले के कुछ मामलों की जांच की गई है। यह मामला पूजा सिंघल के खूंटी के उपायुक्त रहने के समय का है। इस मामले में 16 प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसको लेकर अरुण कुमार दुबे की ओर से हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है।
इस जनहित याचिका में भी ईडी से पूजा सिंघल के खिलाफ जांच का आग्रह किया गया है। वहीं, शेल कंपनियों के बारे में ईडी ने कहा है कि जांच के दौरान कुछ कंपनियों की भूमिका भी सामने आई है। उक्त कंपनियां झारखंड राज्य से बाहर की हैं। शेल कंपनियों की जांच को लेकर दाखिल जनहित याचिका में इन कंपनियों का नाम दिया गया है।