गुजरात में तो भाजपा ने पूरी सरकार को ही बदल दिया था। इनमें उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव हो चुके हैं और वहां भाजपा को बदलाव का फायदा भी मिला है। कुछ अन्य राज्यों में सालभर के भीतर चुनाव होने हैं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेतृत्व राज्यों से लेकर केंद्र तक विभिन्न स्तरों पर बदलाव करने को लेकर अपनी रणनीति के साथ किसी तरह का समझौता नहीं कर रहा है। यही वजह है कि पिछले करीब एक साल में चार राज्यों में मुख्यमंत्री बदले गए। इनमें उत्तराखंड, कर्नाटक, गुजरात और अब त्रिपुरा शामिल हैं।
गुजरात में तो भाजपा ने पूरी सरकार को ही बदल दिया था। इनमें उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव हो चुके हैं और वहां भाजपा को बदलाव का फायदा भी मिला है। कुछ अन्य राज्यों में सालभर के भीतर चुनाव होने हैं।
उत्तराखंड में सही बैठा था दांव
भाजपा की बदलाव की इस रणनीति का दांव उत्तराखंड में सही बैठा था। वहां विधानसभा चुनाव हो चुके हैं और भाजपा सत्ता बरकरार रखने में सफल रही है। वहां पर बीते साल मुख्यमंत्री बदला गया था। तीरथ सिंह रावत की जगह पुष्कर सिंह धामी को कमान सौंपी गई थी। यह अलग बात है कि धामी खुद अपना चुनाव हार गए। हालांकि, बाद में धामी को ही मुख्यमंत्री बनाया गया।
कर्नाटक और गुजरात में भी हो चुका है बदलाव
कर्नाटक में भी बीते साल भाजपा ने वरिष्ठ नेता बीएस येद्दुरप्पा की जगह बसवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री बनाया था। कर्नाटक में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इसी तरह गुजरात में विजय रूपाणी की जगह भूपेंद्र पटेल को कमान सौंपी गई थी। वहां पर इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। अगर, भाजपा उत्तराखंड के बाद इन तीनों राज्यों में भी सत्ता बरकरार रख पाती है तो उसकी यह रणनीति पूरी तरह सफल मानी जाएगी। पार्टी का मानना है कि नेतृत्व परिवर्तन से सत्ता विरोधी माहौल कम होता है और जनता में नए चेहरे के साथ विश्वास बढ़ता है।
सूत्रों के अनुसार, भाजपा नेतृत्व जल्द ही कुछ और राज्यों में विभिन्न स्तर पर बदलाव कर सकता है। इनमें उसकी सत्ता वाले राज्य भी शामिल हैं, जहां सरकार व संगठन में बदलाव किए जाने की संभावना है। अगले डेढ़ साल में होने वाले विधानसभा चुनावों के साथ वर्ष 2024 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए भी कई राज्यों में बदलाव किए जाने के आसार हैं।