Love Story in 1857 Revolt: जावेद खान, मरियम और रूथ। कहानी में तीन किरदारों को अहम माना जा सकता है। रूथ, मरियम की बेटी थी। दोनों ने चर्च पर हमला होने के बाद लाल राजमल के घर पर शरण ली थी।
भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम कहे जाने वाले 1857 के विद्रोह की हिंसक घटनाएं देशवासियों को याद होंगी। याद होंगी आम नागरिकों पर हुई बर्बरता की दास्तां, लेकिन उस उथल-पुथल के दौर में भी एक प्रेम कहानी थी, जिसके बारे में कम ही लोग जानते होंगे। हालांकि, बॉलीवुड ने ‘जुनून’ के जरिए उस कहानी के जिंदा रखने की कोशिश भी की थी।
1857 के विद्रोह के दौरान 31 मई को शाहजहांपुर के कैंट स्थित चर्च पर हमला हुआ था। इस हमले में बचे मिस्टम लेमिस्टर नाम के अंग्रेज को क्रांतिकारियों ने कुछ ही समय बाद मार गिराया था। इस बात का जिक्र नेविल के गजेटियर में मिलता है। हालांकि, गजेटियर इस घटना में उनकी पत्नी और बेटी के बारे में जानकारी स्पष्ट नहीं है। अब उनकी पत्नी और बेटी को लेकर लेखक रस्किन बॉन्ड ने फ्लाइट ऑफ पिजन लिखी। इस किताब के आधार पर फिल्मकार श्याम बेनेगल ने जुनून बनाई।
क्या कहती है जुनून की कहानी
जावेद खान, मरियम और रूथ। कहानी में तीन किरदारों को अहम माना जा सकता है। रूथ, मरियम की बेटी थी। दोनों ने चर्च पर हमला होने के बाद लाल राजमल के घर पर शरण ली थी। वहीं, जावेद शाहजहांपुर के जागीरदार परिवार का शादीशुदा शख्स है, जिसका एक भाई क्रांतिकारी है। जावेद को रूथ और मरियम के बारे में पता चलता है, तो वह लाला के घर पहुंचता है और दोनों को अपने घर ले आता है।
दरअसल, रूथ को देखते ही जावेद को उससे प्यार हो जाता है और वह उन दोनों को हर हाल में बचाना चाहता है। हालांकि, पहले से शादीशुदा जावेद जब अन्य महिला को लेकर घर पहुंचते हैं, तो यह बात बड़ी कलह का कारण बनती है। इसके बाद मरियम और रूथ ने जावेद का घर छोड़ने का फैसला कर लेती हैं। हालांकि, वह जावेद के सामने शर्त रखती हैं कि अगर वह अंग्रेजों को मात दे देता है, तो वह अपनी बेटी उन्हें सौंप देंगी।
बहरहाल, रूथ को पाने की चाह में क्रांतिकारी बने जावेद अंग्रेजों को हराने में असफल रहे और इसी के चलते उन्होंने रूथ को भी गंवा दिया। कहा जाता है कि इस घटना के बाद रूथ और उनकी मां इंग्लैंड गई और वहां करीब पांच साल बाद उनकी मौत हो गई।