प्रधानमंत्री शरबाज शरीफ ने घोषणा की कि वह अच्छी तरह से जानते हैं कि प्रांत में आटे की कीमतों को कैसे कम किया जाए। उन्होंने प्रांतीय सरकार को अपने खर्च पर आटे की कीमतों में कमी करने का निर्देश दिया।
पाकिस्तान में इस साल गेहूं का उत्पादन करीब 30 लाख टन कम होने का अनुमान है। ऐसे में गेहूं की कीमतों में भारी बढ़ोतरी की आशंका जताई जा रही है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि वह किसी भी हाल में आटा महंगा नहीं होने देंगे। भले ही इसके लिए अपना कपड़ा तक बेचना पड़े। खैबर पख्तूनख्वा के शांगला जिले की बिशम तहसील में पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) की जनसभा को संबोधित करते हुए शरीफ ने प्रांत में आटे की कीमतें कम करने का संकल्प भी लिया।
शरीफ ने घोषणा की कि वह अच्छी तरह से जानते हैं कि प्रांत में आटे की कीमतों को कैसे कम किया जाए। उन्होंने प्रांतीय सरकार को अपने खर्च पर आटे की कीमतों में कमी करने का निर्देश दिया। रिपोर्ट के अनुसार, देश के प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने शनिवार को कहा कि 28.89 मिलियन टन के लक्ष्य के मुकाबले गेहूं का उत्पादन 26.173 मिलियन टन होने का अनुमान है, जबकि अनुमानित खपत करीब 30.79 मिलियन टन होगी।
इन वजहों से घटी गेहूं की पैदावार
इस कमी का कारण गेहूं की खेती के लिए जमीन, पानी, उर्वरक की कमी और समर्थन मूल्य की घोषणा में देरी है। साथ ही तेल की कीमतों में बढ़ोतरी और सामान्य से पहले हीटवेव का चलना भी इसकी वजह है। इन कारणों से उत्पादन में 2 प्रतिशत की कमी आई है। रूस-यूक्रेन युद्ध ने भी पाकिस्तान में गेहूं की भारी कमी पैदा कर दी है।
पीएम शरीफ ने इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि नागरिकों को मौलिक अधिकार प्रदान करने की योजना पर काम करने के बजाय देशद्रोहियों और वफादारों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। पीटीआई सरकार ने इतिहास में सबसे अधिक ऋण प्राप्त किया था, लेकिन उसने विकास व लोक कल्याणकारी परियोजनाओं में कुछ भी निवेश नहीं किया। उन्होंने कहा कि तेल और गैस की खरीद के लिए समय पर निर्णय नहीं लेने के कारण राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था नष्ट हो गई।