कीव: यूक्रेन की जंग में अब तक सैंकड़ों टैंक और बख्तबंद वाहन गंवा चुके रूस को बहुत बड़ा झटका लगा है। यूक्रेन के सैनिकों ने पहली बार रूस के सबसे आधुनिक कहे जाने वाले T-90M टैंक को तबाह कर दिया है। मोस्कवा युद्धपोत के डूब जाने के बाद अब यह रूस के लिए दूसरा बड़ा झटका बताया जा रहा है। रूस का यह टैंक अत्याधुनिक है और दुर्लभ मुख्य युद्धक टैंक है। रूसी टी-90 टैंक का तबाह होना भारत के लिए भी बड़ी चिंता का सबब है क्योंकि यही टैंक हजारों की तादाद में भारतीय सेना भी इस्तेमाल करती है।
रूस के टी-90 टैंक को इस तरह से बनाया गया है कि अगर उस पर कोई दुश्मन टैंक हमला करता है तो वह खुद को बचा सकता है। इसमें स्वचालित डिफेंस सिस्टम लगा है जो मिसाइल हमला होने पर स्मोक ग्रेनेड छोड़ता है। यूक्रेन की सेना ने एक ड्रोन फुटेज जारी करके दिखाया है कि उन्होंने रूस के 38 करोड़ रुपये के टैंक को तबाह कर दिया है। इसके अलावा रूस ने थर्मोबेरिक रॉकेट सिस्टम को भी बर्बाद किया गया है।
रूस की सेना में अभी केवल 100 ही T-90M टैंक मौजूद
यूक्रेन के अखबार कीव इंडिपेंडेंट के रिपोर्टर इलिया ने भी 4 मई को एक तस्वीर शेयर की है। इसमें रूस के टी-90 टैंक का मलबा भी दिखाई दे रहा है। बताया जा रहा है कि यूक्रेन के पूर्वोत्तर खारकीव ओब्लास्ट इलाके में इस टैंक पर सीधे हमला किया गया है। रूसी हथियारों के जखीरे के इस सबसे घातक टैंक के तबाह होने से यूक्रेन की सेना का मनोबल काफी बढ़ गया है। रूस की सेना में अभी ऐसे केवल 100 ही टैंक मौजूद हैं।
रूस ने अपने स्वचालित बताए जाने वाले टी-14 अर्माटा टैंक को अभी तक सेना में शामिल नहीं किया है। टी-90 टैंक के T-90S संस्करण का रूस ने दुनियाभर में निर्यात कर रखा है। भारतीय सेना में भी हजारों की तादाद में टी-90 भीष्म टैंक मौजूद हैं और अभी आगे इसे बढ़ाने का प्लान है। इस टैंक को रूस के बेहद सफल रहे टी-72 को अपग्रेड करके बनाया गया था। इस टैंक के तबाह होने से जहां रूस को बड़ा झटका लगा है, वहीं भारतीय सेना की भी मुश्किल बढ़ सकती है। पश्चिमी विशेषज्ञों का कहना है कि रूस के इस टैंक के डिजाइन में कमी है जिससे हमला होने की सूरत में इसके अंदर रखे गोला बारूद में विस्फोट हो जा रहा है।