कोर्ट के आदेश पर आज ज्ञानवापी परिसर का सर्वे होगा। सिविल जज सीनियर डिवीजन अदालत से नियुक्त कोर्ट कमिश्नर यह सर्वे करेंगे। इस दौरान पक्ष-विपक्ष से 36 सदस्य भी कोर्ट कमिश्नर के साथ मौजूद रहेंगे।
ज्ञानवापी प्रकरण में सिविल जज सीनियर डिवीजन अदालत से नियुक्त कोर्ट कमिश्नर वरिष्ठ अधिवक्ता अजय कुमार मिश्र शुक्रवार को परिसर का सर्वे करेंगे। सर्वे शाम 3 बजे से शुरू होगा। कमिश्नर के साथ मौके पर पक्ष व विपक्ष से 36 सदस्य भी रहेंगे। उधर, विपक्षी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के सचिव ने कार्यवाही का विरोध किया। इसको लेकर जिला प्रशासन और पुलिस अलर्ट है।
दिल्ली की राखी सिंह सहित पांच अन्य की तरफ से सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में वाद दाखिल कर शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन व 1991 से पूर्व की स्थिति बहाल करते हुए आदि विश्वेश्वर परिवार के सभी विग्रहों को यथास्थिति में रखने की मांग की गई है। सुनवाई के दौरान वादी ने विग्रहों की वस्तुस्थिति जानने के लिए कोर्ट कमीशन की कार्रवाई शुरू कराने की दरख्वास्त की थी। सर्वे की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी करायी जाएगी। पूरी कार्रवाई फूलप्रूफ सुरक्षा में होगी। मंदिर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। कोर्ट कमिश्नर ने बताया कि शुक्रवार को निर्धारित समय शाम 4.00 बजे वस्तुस्थिति जांचने की कार्यवाही शुरू होगी। इस प्रकरण में कोर्ट अगली सुनवाई की तिथि 10 मई तय है।
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता पहुंचे
कमीशन की कार्रवाई के दौरान निगरानी के लिए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ताओं की टीम पहुंच गयी है। वादी पक्ष से वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन, पंकज गुप्ता व शिवम शुक्ल भी मौके पर मौजूद रहेंगे। हरिशंकर जैन ने अयोध्या राम मंदिर मुकदमे में भी हिंदू महासभा की ओर से सुप्रीम कोर्ट में बहस की थी।
यह है पूरा प्रकरण
दिल्ली की राखी सिंह, लक्ष्मी देवी, मंजू व्यास, सीता साहू और रेखा पाठक ने 18 अगस्त 2021 को संयुक्त रूप से सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में याचिका दायर काशी विश्वनाथ धाम-ज्ञानवापी परिसर स्थित शृंगार गौरी और विग्रहों को 1991 की पूर्व स्थिति की तरह नियमित दर्शन-पूजन के लिए सौंपा जाए। आदि विश्वेश्वर परिवार के विग्रहों की यथास्थिति रखी जाए। सुनवाई के क्रम में आठ अप्रैल 2022 को अदालत ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया। कोर्ट कमिश्नर ने 19 अप्रैल को सर्वे करने की तिथि से अदालत को अवगत कराया। इससे एक दिन पहले 18 अप्रैल को जिला प्रशासन ने शासकीय अधिवक्ता के जरिए याचिका दाखिल कर वीडियोग्राफी व फोटोग्राफ पर रोक लगाने की मांग की। उधर, 19 अप्रैल को विपक्षी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने भी हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर रोकने की गुहार लगायी। हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा। 20 अप्रैल को निचली अदालत ने भी सुनवाई पूरी की। 26 अप्रैल को निचली अदालत ने ईद के बाद सर्वे की कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया। आदेश के तहत कोर्ट कमिश्नर ने छह मई को सर्वे करने से कोर्ट को अवगत कराया है। प्रकरण में अगली सुनवाई 10 मई को होनी है। वादी ने इस मामले में विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट, डीएम, पुलिस आयुक्त, अंजुमन इंतजमिया मसाजिद कमेटी और सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड को पक्षकार बनाया है।