छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के प्रतापपुर वनपरिक्षेत्र में प्यारे हाथी ने एक महिला की कुचलकर जान ले ली। मृतक महिला जंगल में तीन अन्य महिलाओं के साथ लकड़ी लेने गई हुई थी। हाथी के सामने आ जाने पर तीन अन्य महिलाओं ने भागकर किसी तरह अपनी जान बचाई। रविवार को महिला का शव परिजनों को सौंप दिया गया। उक्त प्यारे हाथी को सूरजपुर डीएफओ ने पकड़कर रेस्क्यू सेंटर में रखने की सिफारिश की थी, जिसे उच्चाधिकारियों ने एक सिरे से खारिज कर दिया है।
छत्तीसगढ़ में दहशत का पर्याय बना ‘प्यारे हाथी’, एक और महिला को उतारा मौत के घाट, अब तक 37 से ज्यादा की ले चुका है जान
जानकारी के मुताबिक प्यारे हाथी एक रात में ही 25 से 30 किलोमीटर का सफर तय कर लेता है। इसकी निगरानी कर पाना वन विभाग के लिए बड़ा टास्क बन गया है। ऐसे में बेकसूर लोग भी जान गंवा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार भैयाथान ब्लॉक के अधिना-सलका की निवासी बालो पति कमिंदर (50 वर्ष) प्रतापपुर क्षेत्र में अपनी बेटी के ससुराल में मेहमानी करने गई थी। शनिवार शाम करीब चार बजे गांव की अन्य महिलाओं के साथ आग जलाने के लिए सूखी लकड़ी लेने मंझनपुर के पास गेरुवा मुड़ा के जंगल में गई थी। इसी दौरान महिलाओं का सामना हाथी से हो गया। हाथी को देखकर तीन महिलाएं मौके से भागने में सफल रही। वहीं बालो को हाथी ने अपनी चपेट में ले लिया और कुचलकर मौत के घाट उतार दिया। घटना की जानकारी मिलने पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। हाथी के दूर चले जाने के बाद वनकर्मियों ने महिला के शव को बरामद किया। शनिवार को शव परिजनों को सौंप दिया गया। वहीं मृतका के परिजनों को तात्कालिक सहायता के रूप में 25 हजार रुपए दिए गए हैं।
मदनपुर के जंगलों में प्यारे हाथी दहशत का पर्याय बना हुआ है। यह प्यारे हाथी अब तक 37 से अधिक लोगों की जान ले चुका है। इस हाथी को ट्रेंकुलाइज कर एलीफेंट रेस्क्यू सेंटर रमकोला में रखने की सिफारिश स्थानीय अधिकारियों ने की थी। लेकिन उच्चाधिकारियों ने वन विभाग के स्थानीय अमले को ही लापरवाह और गैरजिम्मेदार बताते हुए इस प्रस्ताव को एक सिरे से खारिज कर दिया। जानकारी के मुताबिक प्यारे हाथी एक रात में ही 25 से 30 किलोमीटर का सफर तय कर लेता है। इसकी निगरानी कर पाना वन विभाग के लिए बड़ा टास्क बन गया है। ऐसे में बेकसूर लोग भी जान गंवा रहे हैं।