Neil Parish MP: ब्रिटिश संसद में पॉर्न देखते पकड़े गए PM बोरिस जॉनसन की पार्टी के सांसद, फजीहत के बाद दिया इस्तीफा

लंदन: ब्रिटेन में एक सांसद को संसद भवन में पॉर्न देखने (UK PM Waching Porn) के आरोपों के बाद इस्तीफा देना पड़ा है। इस्तीफा देने वाले सांसद का नाम नील पैरिश (Neil Parish MP) है, जो प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की कंजरवेटिव पार्टी के सदस्य हैं। नील पैरिश ने बताया कि वह हाउस ऑफ कॉमन्स में दो बार पोर्नोग्राफी देखने की बात स्वीकार करने के बाद एक सांसद के रूप में इस्तीफा दे रहे हैं। नील पैरिश ब्रिटेन के टिवर्टन और होनिटोन से सांसद चुने गए थे। इस्तीफे का ऐलान करने के बाद उन्होंने कहा कि वह मेरा पागलपन था और मैंने जो किया उस पर मुझे गर्व नहीं है।

महिला सांसदों ने की थी शिकायत
उन्होंने कहा कि पहली बार एक ट्रैक्टर की वेबसाइट देखने के दौरान अचानक पॉर्न पर क्लिक हो गया था, लेकिन दूसरी बार मैंने जानबूझकर किया था। कंजरवेटिव पार्टी ने शुक्रवार को आरोपों को लेकर उन्हें निलंबित कर दिया था। दो महिला सहयोगियों ने दावा किया कि उन्होंने सांसद नील पैरिश को अपने फोन पर एडल्ट कंटेंट देखते हुए पकड़ा था।

कौन हैं एमपी नील पैरिश
बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि मैं ट्रेक्टर की वेबसाइट देख रहा था। इस दौरान उसी के नाम से मिलती-जुलती एक वेबसाइट नजर आई। इसके बाद मैंने कुछ देर तक इस वेबसाइट को देखा जो मुझे नहीं करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि लेकिन मेरा सबसे बड़ा अपराध यह है कि मैं दूसरी बार उस वेबसाइट पर गया। उन्होंने यह भी कहा कि दूसरी बार मैंने जानबूझकर किया था। मैं गलत था, मैं बेवकूफ था, मैंने दिमाग खो दिया था।

अपने आचरण के लिए मांगी सार्वजनिक माफी
उन्होंने कहा कि मैं पूरी तरह से माफ़ी मांगता हूं। पूरी तरह से माफी मांगता हूं। मेरा इरादा डराने-धमकाने का नहीं था। नील पैरिश ने कल रात कहा था कि जब तक उनके आचरण की जांच की जाएगी, वह सांसद बने रहेंगे। लेकिन रातों-रात भारी दबाव में उसने अपना इरादा बदल लिया। उनके इस्तीफे के बाद टिवर्टन और होनिटोन संसदीय सीट पर उपचुनाव करवाया जाएगा।

कौन हैं नील पैरिश?
नील पैरिश ब्रिटिश कंजरवेटिव पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। 65 साल के पैरिश 2010 से लगातार सांसद हैं। वे 1999 से 2009 तक दक्षिण पश्चिम इंग्लैंड से यूरोपीय संसद के सदस्य थे। उन्होंने अपने खानदानी खेतों को संभालने के लिए 16 साल की उम्र में स्कूल छोड़ दिया था। साल 2000 में उन्हें जिम्बाब्वे के संसदीय चुनाव के दौरान एक पर्यवेक्षक के तौर पर नियुक्त किया गया था।

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