योगी सरकार ने लोक कल्याण संकल्प पत्र में श्रमिकों से किए वादे पूरे करने की दिशा में बड़ा कदम बढ़ा दिया है। सभी पंजीकृत श्रमिकों को अब किसी भी तरह का आवेदन करने के लिए दफ्तर के चक्कर नहीं काटने होंगे। करीब 800 आउटसोर्सिंग कर्मियों के मानदेय में 10 फीसदी की मासिक वृद्धि, श्रमिकों की बेटियों का शादी अनुदान बढ़ाने और एक लाख तक का कोलैट्रल फ्री ऋण दिए जाने सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय गुरुवार को हो गए।
यह फैसले गुरुवार को श्रम विभाग के अपर मुख्य सचिव और भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष सुरेश चंद्रा की अध्यक्षता में हुई बोर्ड बैठक में लिए गए। बोर्ड के वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 1506 करोड़ के बजट को स्वीकृति दे दी गई। श्रम विभाग में करीब 800 कर्मी आउटसोर्सिंग पर कार्यरत हैं। इनके मानदेय में 10 फीसदी वृद्धि के प्रस्ताव को स्वीकृति मिल गई। यह राशि करीब 800 से 1100 रुपये प्रतिमाह तक होगी। कन्या विवाह सहायता योजना के अंतर्गत सामूहिक विवाह के लिए प्रदान की जाने वाली धनराशि को बढ़ाकर 01 लाख कर दिया गया। सामूहिक विवाह के लिए अब तक बोर्ड 65 हजार रुपये देता है।
निर्माण श्रमिकों को 1 लाख तक का कोलैट्रल फ्री ऋण प्रदान करने के लिए उन्हें श्रमिक क्रेडिट कार्ड प्रदान किया जाएगा। इस पर भी बोर्ड ने सैद्धांतिक सहमति दे दी। निर्माण श्रमिकों के बच्चों एवं अनाथ तथा निराश्रित बच्चों के लिए प्रदेश के 18 मंडलों में अटल आवासीय विद्यालयों का संचालन शुरू किए जाने का प्रस्ताव भी मंजूर हो गया। इन विद्यालयों का निर्माण अक्टूबर तक पूरा हो जाएगा। इसके अलावा सभी पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को स्नातक स्तर पर मुफ्त शिक्षा प्रदान किए जाने का प्रस्ताव भी पास हो गया।
आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने 16 अप्रैल, 19 अप्रैल सहित अन्य अंकों में इन प्रस्तावों पर जल्द फैसला होने की खबरें प्रकाशित की थीं। बोर्ड की स्वीकृति के बाद अब इन प्रस्तावों को शासन को भेजा जाएगा। शासन से हरी झंडी मिलते ही इन पर अमल शुरू हो जाएगा। बैठक में बोर्ड के सचिव विपिन कुमार जैन, सदस्य अभय कुमार सिंह, राजनाथ, सरिता शाक्य और उप श्रमायुक्त शमीम अख्तर मौजूद रहे।