कांग्रेसियों को पंजाब पुलिस ने गच्चा दे दिया। बुधवार को अलका लांबा रोपड़ थाने में पेश होने पहुंची। इस मौके पंजाब कांग्रेस ने शक्ति प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में भीड़ जुटाई गई। कांग्रेस प्रधान अमरिंदर राजा वड़िंग की अगुआई में सीनियर कांग्रेसी नेता भी उनके साथ गए। हालांकि पंजाब पुलिस ने उन्हें जांच में शामिल नहीं किया। उन्हें कहा गया कि केस की फाइल हाईकोर्ट गई हुई है। 2 मई को हाईकोर्ट से फाइल वापस आएगी तो जांच में शामिल कर सकते हैं। अलका लांबा ने कहा कि उन्हें 2 घंटे तक एसएसपी ऑफिस में बिठाया। फिर थाने में जाकर हाजिरी लगाने को कहा। वहां गए तो पुलिस वालों ने कहा कि फाइल नहीं है, इसलिए कहीं साइन भी नहीं कराए गए।
इससे पहले रोपड़ में कांग्रेसियों ने जमकर हंगामा किया। यूथ कांग्रेस की अगुआई में पुलिस थाने के बाहर जमकर रोष प्रदर्शन किया गया। कांग्रेसियों ने मिनी सेक्रेट्रिएट के गेट पर चढ़कर मान सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। प्रधान वड़िंग ने कहा कि इस तरह एक बेटी या बहू को बेवजह थाने बुलाकर परेशान किया जा रहा है। हम अंतिम समय तक लड़ेंगे।
कांग्रेसियों की खींचतान भी आई सामने
इस दौरान एक बार फिर कांग्रेस की खींचतान सामने आई है। पूर्व प्रधान नवजोत सिद्धू रोपड़ पहुंचे। हालांकि वह मौजूदा प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग या दूसरे सीनियर नेताओं से नहीं मिले। इससे पहले वड़िंग की ताजपोशी के दिन भी उन्होंने कांग्रेस नेताओं के साथ स्टेज शेयर नहीं की थी।
कांग्रेस प्रधान राजा वड़िंग ने कहा कि पंजाब में अकाली दल और कांग्रेस की सरकारें रही लेकिन कभी किसी महिला पर इस तरह केस दर्ज नहीं किया। भगवंत मान की अगुवाई वाली AAP सरकार ने अलका लांबा को निशाना बनाया। जिसे कांग्रेस कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।
लांबा बोली- डरने वाली नहीं हूं
कांग्रेस नेता अलका लांबा ने कहा कि बदलाव की बात करने वाली पार्टी बदले पर उतर आई है। उन्हें 26 अप्रैल का वक्त दिया गया तो वह 25 को ही पंजाब आ गई। इसके बाद उन्हें कहा गया कि 27 अप्रैल को आना। वह आज रोपड़ थाने आई तो उनके बयान नहीं लिखे गए। उन्होंने कहा कि एक राज्यसभा मेंबर पंजाब पुलिस को आदेश दे रहा है। आम आदमी पार्टी दिल्ली की बेटी को पंजाब खींच लाई, लेकिन मैं डरने वाली नहीं हूं। कानून का सम्मान करती हूं, मेरी लड़ाई जारी रहेगी।
रोपड़ थाना सदर में आम आदमी पार्टी नेता ने केस दर्ज कराया कि वह समर्थकों के साथ लोगों की शिकायतें हल करने जा रहे थे। तब कुछ नकाबपोश लोगों ने घेरकर उन्हें खालिस्तानी कहा। आप नेता का दावा है कि यह सब तब शुरू हुआ, जब कुमार विश्वास और अलका लांबा ने केजरीवाल के अलगाववादियों से संबंध होने के आरोप लगाए।