Prashant Kishor : कांग्रेस में प्रशांत किशोर को शामिल करने को लेकर अंतर्विरोध पहले ही नजर आ रहा था और आज इस पर असमंजस खत्म हो गया. हालांकि I-PAC का तेलंगाना राष्ट्र समिति के साथ किया गया गठजोड़ भी दोनों के बीच वार्ता टूटने की अहम वजह माना जा रहा है.
नई दिल्ली:
चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर कांग्रेस में शामिल नहीं होंगे, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मंगलवार को ट्वीट कर जानकारी दी है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन्हें पार्टी में शामिल होने का न्योता दिया था. कांग्रेस में प्रशांत किशोर को शामिल करने को लेकर अंतर्विरोध पहले ही नजर आ रहा था और आज इस पर असमंजस खत्म हो गया. हालांकि इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी का तेलंगाना राष्ट्र समिति के साथ किया गया गठजोड़ भी दोनों के बीच वार्ता टूटने की अहम वजह माना जा रहा है. खबरों के मुताबिक. प्रशांत किशोर ने स्वयं ये घोषणा की है कि वो कांग्रेस में शामिल नहीं होंगे. हालांकि उन्होंने इसकी कोई तात्कालिक वजह नहीं बताई है.
खबरों के मुताबिक, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के अधिकार प्राप्त कार्य समूह यानी एंपावर्ड एक्शन ग्रुप में शामिल होने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. इस कार्यसमूह को 2024 के आम चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक चुनौतियों को ध्यान देने के लिए गठित किया गया है. सूत्रों ने संकेत दिया है कि पार्टी ने उन्हें पार्टी को पुनर्जीवित करने पूरी आजादी के साथ काम करने की छूट नहीं दी है.
रणदीप सुरजेवाला ने मंगलवार को ट्वीट कर बताया कि प्रशांत किशोर ने स्वयं कांग्रेस में शामिल होने से इनकार कर दिया है. मालूम हो कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रशांत किशोर को कांग्रेस में शामिल करने और उनके 2024 के लिए मिशन के प्रस्तावित विजन को आगे बढ़ाने पर विचार करने के लिए समिति का गठन किया था. इस 13 सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष को सौंप दी थी. कांग्रेस नेताओं की सोमवार को इस बाबत बैठक भी हुई थी. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी समेत कई नेता प्रशांत किशोर को कांग्रेस में लाए जाने के पक्ष में थे, लेकिन दिग्विजय सिंह समेत तमाम नेताओं ने इसको लेकर अपनी आशंकाएं जाहिर की थीं.
सूत्रों का कहना है कि प्रशांत किशोर और कांग्रेस के बीच बात बनने के बीच कई अवरोध थे, लेकिन टीआरएस का आईपीएसी के साथ दो दिन पहले हुआ समझौता फ्लैश प्वाइंट बना. प्रशांत किशोर चाहते थे कि वो सीधे कांग्रेस नेतृत्व को रिपोर्ट करें. प्रशांत किशोर कहते रहे हैं कि उनका आईपीएसी से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन यह सर्वविदित है कि उनका इस संगठन में स्पष्ट प्रभाव है. टीआरएस और आईपीएसी के बीच गठजोड़ के पहले प्रशांत किशोर दो दिन हैदराबाद में तेलंगाना सरकार की आवभगत में थे.