जहांगीरपुरी हिंसा के आरोपितों पर अब ईडी ने भी शिकंजा कस दिया है। ईडी ने मुहम्मद अंसार समेत अन्य सभी आरोपितों के खिलाफ मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत केस दर्ज किया है। दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने शुक्रवार को ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) को पत्र लिखकर मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत आरोपितों की जांच का अनुरोध किया था।
ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दिल्ली पुलिस के पत्र का संज्ञान लेते हुए आरोपितों के खिलाफ मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया है। अब ईडी जल्द ही दिल्ली पुलिस में दर्ज एफआइआर की कापी समेत अन्य दस्तावेज अपने कब्जे में लेगी। इसके साथ ही दिल्ली पुलिस की जांच में मिले सुबूतों को भी साझा करने के लिए कहा जाएगा। इन दस्तावेजों को जुटाने और उनका विश्लेषण करने के बाद आरोपितों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जाएगी।
मुहम्मद अंसार के पास अकूत संपत्ति
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जहांगीरपुरी हिंसा के पीछे आपराधिक साजिश की जांच दिल्ली पुलिस करेगी और उनका काम सिर्फ इसके लिए की गई फंडिंग की परतों को खोलना और सुबूत जुटाकर आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई करना होगा। दरअसल जहांगीरपुरी हमले के मुख्य आरोपित मुहम्मद अंसार के पास अकूत संपत्ति का होना दिल्ली पुलिस के लिए हैरानी का विषय बना हुआ है।
ईडी जब्त कर सकती है संपत्ति
माना जा रहा है कि अंसार किसी बड़े रैकेट का हिस्सा है जो बांग्लादेशियों और रोहिंग्या को दिल्ली व अन्य शहरों में अवैध रूप से बसाने का काम करता है। इसके एवज में उसे करोड़ों रुपये की फंडिंग मिलती थी। ईडी अब यह पता लगाएगा कि आखिर अंसार के पास इतनी संपत्ति कहां से आई। मनी लांड्रिंग कानून के तहत ईडी को अवैध कमाई से बनाई गई संपत्ति को जब्त करने का अधिकार है और आरोप साबित होने के बाद दोषी को इसके लिए अलग से सजा का भी प्रविधान है।