तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को इफ्तार पार्टी का आयोजन किया है जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत कई बड़े नेता शामिल हुए.
पटना:
राजद नेता तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को पटना में इफ्तार पार्टी का आयोजन किया, जिसमें तमाम राजनीतिक दलों के बड़े नेता शामिल हुए. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भारी सुरक्षा के बीच तेजस्वी की इफ्तार पार्टी मैं शिरकत की. इफ्तार पार्टी में चिराग पासवान, बीजेपी नेता सैयद शाहनवाज हुसैन और राबड़ी देवी भी मौजूद रहीं. पिछली बार गठबंधन टूटने से कुछ दिन पहले 2017 में राबड़ी देवी के आवास पर आयोजित इफ्तार में नीतीश कुमार उपस्थित थे. बिहार विधानपरिषद के नेता और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अवधेश नारायण सिंह भी तेजस्वी की इफ्तार पार्टी में पहुंचे. तेजस्वी यादव के बड़े भाई तेज प्रताप यादव और लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा भारती भी इफ्तार पार्टी में थीं.
बता दें कि हाल ही में नीतीश कुमार ने सुशील मोदी की दी हुई इफ्तार पार्टी में भी शिरकत की थी. सुशील मोदी पहले विधायक के रूप में, फिर उप मुख्यमंत्री के रूप में इफ्तार का आयोजन करते रहे. सुशील मोदी ने बुधवार को सांसद के रूप में इफ्तार का आयोजन किया. मोदी बिहार में पिछले तीस वर्षों से इफ्तार की दावत आयोजित करते चले आ रहे हैं.
बुधवार को आयोजित इफ्तार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत उनके मंत्रिमंडल के अधिकांश सहयोगी और रविशंकर प्रसाद सहित बिहार बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे. सुशील मोदी इस इफ़्तार का आयोजन अंजुमन इस्लमिया हाल में करते हैं और इसमें स्थानीय मुस्लिम काफ़ी संख्या में आते हैं. इस मौके पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने मीडिया से कहा कि ”सीएम साहब (नीतीश कु्मार) इफ्तार में आए हैं. अंजुमन इस्लामिया जो कि एक ऐतिहासिक स्थल है, कितना अच्छा बन गया है. यहां इफ्तार की पहली दावत हुई है. सुशील मोदी जी पिछले कई साल से दावत देते रहे हैं. सीएम साहब खुद भी इफ्तार की दावत देते रहे हैं. कोरोना काल के दौरान दो साल यह आयोजन नहीं हुआ. इस बार अरुण सिन्हा, सुशील मोदी और हमने मिलकर यह दावत की है.”
शाहनवाज हुसैन ने कहा कि ”अंजुमन इस्लामिया कितना बदल गया है. यह ऐतिहासिक स्थल है. यहां बहुत बड़े लोग आ चुके हैं. मौलाना आजाद आए, कई बड़े नेता आए. पूरे हिंदुस्तान में ऐसा हाल नहीं होगा, जैसा यहां सीएम साहब ने बनाया है.” मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संवाददाताओं से बात नहीं की. उनसे दंगों को लेकर सवाल किया गया, जिसे उन्होंने अनसुना कर दिया. वे ‘सबको हमारी शुभकामनाएं’ कहते हुए वहां से चले गए.