कांग्रेस में अचानक बढ़ी चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की भूमिका ने सभी का ध्यान आकर्षित किया है और अब ये स्पष्ट है कि बेहद मुश्किल वक़्त से गुज़र रही कांग्रेस ने एक तरह से प्रशांत किशोर में बीजेपी का काट ढूंढ लिया है. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को पार्टी नेताओं के साथ बैठक में सभी को ये बता दिया कि प्रशांत किशोर जल्द ही कांग्रेस में शामिल होंगे और 2024 चुनाव की रणनीति बनाएंगे.
पिछले 4 दिनों से हर रोज़ प्रशांत किशोर सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पर सोनिया गांधी समेत पार्टी के बड़े नेताओं के साथ बैठक भी कर रहे हैं. यहां गौरतलब है कि केवल पहली बैठक के बाद खुद राहुल गांधी विदेश चले गए थे उसके बावजूद चाहे भविष्य की रणनीति तय करने को लेकर तमाम नेताओं के साथ हुई बैठक हो या फिर हिमाचल चुनाव को लेकर हुई बैठक या फिर आज सोनिया गांधी के घर हुई कमलनाथ और दिग्विजय सिंह की उपस्थिति में मध्यप्रदेश को लेकर बैठक, प्रशांत किशोर एक के बाद एक कांग्रेस की रणनीति बनाने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं.
रणनीति पर हुई चर्चा
इसी सिलसिले में बुधवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी दिल्ली पहुंचे और प्रशांत किशोर की मौजूदगी में सोनिया गांधी के निवास पर दोनों राज्यों में कांग्रेस की रणनीति पर चर्चा हुई. गौरतलब है कि राहुल गांधी की मौजूदगी में भी 10 जनपथ पर हुई बड़े नेताओं के साथ पहली ही बैठक में प्रशांत किशोर ने अपने प्रेजेन्टेशन में उन राज्यों में दूसरे क्षेत्रीय दलों से गठबंधन की पैरवी भी की थी जहां-जहां कांग्रेस कमज़ोर है.
अब सूत्रों के मुताबिक प्रशांत किशोर की कांग्रेस में औपचारिक एन्ट्री भी जल्द हो सकती है. सूत्रों के मुताबिक प्रशांत किशोर प्रमुख तौर पर दो काम पर फोकस करेंगे.
• प्रशांत विधानसभा और लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए रणनीति बनाएंगे. वे सभी राज्यो के प्रभारियों से भी सीधे संपर्क में रहेंगे.
• साथ ही प्रशांत गठबंधन सहयोगियों के साथ बातचीत और सीट बंटवारे पर भी खुद बात करेंगे. प्रशांत इसकी रिपोर्ट सीधे कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी को भेजेंगे.
गौरतलब वाली बात ये है कि उत्तर प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनावों के वक्त भी राहुल गांधी ने जब सारी रणनीति का जिम्मा प्रशांत किशोर को सौंपा था तब भी प्रशांत किशोर पार्टी में किसी औपचारिक पद पर नहीं थे मगर आलाकमान का संदेश साफ था, प्रशांत किशोर के फैसले आखरी फैसले होंगे.
इस बार भी जिस तरह से राहुल गांधी के विदेश दौरे पर होने के बावजूद प्रशांत किशोर तमाम रणनीतिक बैठकों में शामिल हो रहे हैं उससे साफ है कि राहुल गांधी ने एक बार फिर जब तक प्रशांत किशोर की औपचारिक एन्ट्री पर फैसला नहीं होता, तब तक प्रशांत को फैसले करने और रणनीति बनाने की पूरी आजादी देने का मन बना लिया है.
यहां हालांकि आपको ये जानने में दिलचस्पी होगी कि सूत्रों के मुताबिक कुछ अरसे पहले भी प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा गर्म थी और सूत्रों के मुताबिक प्रशांत किशोर खुद भी कांग्रेस में महासचिव स्ट्रेटजी और प्लानिंग का पद लेने के इच्छुक भी थे और इस बाबत कांग्रेस नेतृत्व मन भी बना रहा था, मगर तब पार्टी के ही कई नेताओं इसका विरोध कर रहे था और ये फैसला टल गया था. सूत्रों के मुताबिक प्रशांत किशोर को इस बार संगठन में महासचिव जैसे किसी प्रभावशाली पद पर शामिल कराया जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक प्रशांत किशोर को संगठन में महासचिव स्ट्रेटजी और एलायंस बनाया जा सकता है.
कांग्रेस को फुल टाईम अध्यक्ष की ज़रूरत
गांधी परिवार को उम्मीद है कि प्रशांत किशोर कांग्रेस के रिवाइवल और मोदी से टक्कर के लिए कांग्रेस पार्टी में एक बार फिर से जान फूंक सकेंगे. प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को अपने प्रेजेन्टेशन में सुझाव दिए हैं कि सबसे अहम है कि कांग्रेस को फुल टाईम अध्यक्ष की ज़रूरत है और ये तय समय पर जल्द से जल्द किया जाना चाहिए.
प्रशांत किशोर ने अपने प्रेजेंटेशन में देशभर में लोकसभा की 370 से 400 सीटों पर फोकस करने, बिहार-यूपी और ओडिशा में अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ने और तमिलनाडु और महाराष्ट्र में गठबंधन करने की सलाह दी है.
• प्रशांत किशोर ने 52 स्लाइड का प्रेजेंटेशन दिया था.
• जिसमें 18 स्लाइड तो कांग्रेस की कम्युनिकेशन स्ट्रैटजी से जुड़ी थीं.
• 10 स्लाइड में बताया गया कि किन राज्यों से पार्टी की सीटें बढ़ सकती हैं.
• 4 स्लाइडों में प्रशांत किशोर ने यह भी बताया कि किन राज्यों में पार्टी को तुरंत मजबूत करने की जरूरत है.
• 4-5 राज्यों में गठबंधन बनाने की सलाह दी.
• प्रशांत किशोर ने इमेज बिल्डिंग से जुड़े कुछ प्रस्ताव भी दिए. यही नहीं प्रशांत किशोर ने कांग्रेस की पूरी कम्युनिकेशन स्ट्रेटजी बदलने की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया. महत्वपूर्ण ये भी है कि प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को सलाह दी है कि जिन राज्यो में कांग्रेस की सीधी टक्कर बीजेपी से है वहां पूरे स्ट्रक्चर में बदलाव की ज़रूरत है.