भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने देशवासियों के नाम खुला पत्र लिखा है, जिसमें उनसे आगे की सोचने और 2047 में भारत के लिए योजना तैयार करने का अपील की है। उन्होंने देशवासियों से इसे लेकर योजना बनाने की गुजारिश की कि जब हम 2047 में स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे करेंगे तो देश कैसा होगा।
नड्डा ने राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में देश के युवाओं के सक्रिय योगदान की भी मांग करते हुए कहा कि भारत के युवा अवसर चाहते हैं, बाधा नहीं। उन्होंने पत्र में विकास की राजनीति को अपनाने के लिए विपक्ष से अपील की। साथ ही विपक्ष पर राष्ट्र की भावना पर सीधा हमला करने और मेहनती नागरिकों पर आक्षेप लगाने के लिए का आरोप लगाया।
‘विपक्ष ने हमेशा वोटबैंक-विभाजनकारी राजनीति की’
पत्र में नड्डा ने कहा कि विपक्षी दलों ने हमेशा वोट बैंक की राजनीति, विभाजनकारी राजनीति और चयनात्मक राजनीति की, जो अब काम नहीं कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास पर जोर दिया, जिससे भारतीयों को सशक्त होते देखा गया और उन्हें आगे बढ़ने के लिए पंख मिला है।
‘कांग्रेस के शासनकाल में कहां दंगे नहीं हुए’
नड्डा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए लिखा, “1966 में इंदिरा गांधी सरकार ने गौहत्या पर प्रतिबंध की मांग को लेकर संसद भवन की ओर कूच कर रहे साधुओं पर गोलियां चलवाईं। 84 में राजीव गांधी ने कहा कि जब एक बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है। गुजरात, मुरादाबाद, भिवंडी, मेरठ के दंगे, कश्मीर घाटी में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा, भागलपुर दंगे इस तरह कांग्रेस के शासनकाल में दंगों की एक लंबी सूची है। दलितों और आदिवासियों पर कांग्रेस शासन में अत्याचार हुए। याद रहे कि कांग्रेस ने संसद के चुनाव में बाबा साहब अंबेडकर को हरवाया था।”