इस्लामाबाद: पाकिस्तान में भारत और पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ जहरीले बयान दे रहे इमरान खान नियाजी की सरकार की विदाई के साथ ही दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंधों में बदलाव साफ दिखाई दे रहा है। पीएमएल एन नेता शहबाज शरीफ के प्रधानमंत्री बनने पर पीएम मोदी ने न केवल ट्वीट करके उनको बधाई दी बल्कि उन्हें औपचारिक खत भी लिखा। इसके जवाब में शहबाज शरीफ ने भी खत लिखकर धन्यवाद दिया। पाकिस्तान के राजनयिक सूत्रों का कहना है कि दोनों ही पक्षों में तनावपूर्ण संबंधों के कारण वर्षों से रिश्तों पर जमी बर्फ को पिघलाने की इच्छा साफ दिखाई दे रही है। कंगाल पाकिस्तान को अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारना है और भारत इसमें मदद कर सकता है।
भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों ने अपने पत्रों में दोनों ही देशों के बीच ‘रचनात्मक कार्यों’ को लेकर इच्छा जताई। शहबाज शरीफ और पीएम मोदी के इस रुख से अब संभावना बन रही है कि दोनों देशों के तनावपूर्ण संबंधों में नई शुरुआत हो सकती है। साल 2019 में भारत के जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद पाकिस्तान की तत्कालीन इमरान खान सरकार लाल हो गई थी और दोनों देशों के बीच सभी द्विपक्षीय संबंध रुक गए थे। इमरान ने बातचीत के लिए कश्मीर में अनुच्छेद 370 को बहाल करने की शर्त रख दी थी। शहबाज शरीफ ने भी अपने पत्र में कश्मीर का राग अलापा है लेकिन यह पाकिस्तान के लंबे समय से चले आ रहे रुख पर ही आधारित है।
आतंकवाद मुक्त माहौल में संबंधों में सुधार किया जाए: पीएम मोदी
पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने पीएम मोदी और शहबाज शरीफ के बीच पत्र के जरिए वार्तालाप से जुड़े पाकिस्तान के आधिकारिक सूत्रों के हवाले से कहा कि भारतीय पीएम मोदी चाहते हैं कि ‘आतंकवाद मुक्त’ माहौल में संबंधों में सुधार किया जाए। पीएम मोदी ने अपने पत्र में पाकिस्तान को साझा चुनौतियों को लेकर ‘रचनात्मक सहयोग’ का आह्वान किया है। शहबाज शरीफ ने भी इसके जवाब में इसी तरह की भावना का जिक्र किया है लेकिन यह भी दावा किया है कि पाकिस्तान आतंकवाद का शिकार रहा है और कुर्बानी दी है।
शहबाज शरीफ ने यह भी कहा कि पाकिस्तान और भारत के बीच शांतिपूर्ण और सहयोगात्मक व्यवहार दोनों देशों और इस क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए जरूरी है। हालांकि उन्होंने कश्मीर का भी राग अलापा और कहा कि कश्मीर समेत सभी लंबित मुद्दों का शांतिपूर्ण और सार्थक तरीके से समाधान किया जाए। पीएम मोदी ने अगस्त 2018 में इमरान खान के पीएम बनने पर बधाई दी थी लेकिन पुलवामा आतंकी हमले और कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए थे।
आर्थिक बदहाली से गुजर रहा है पाकिस्तान, भारत कर सकता है मदद
पाकिस्तान के राजनयिक सूत्रों का कहना है कि अब दोनों ही पक्षों के बीच रिश्तों पर जमी बर्फ को तोड़ने की व्यापक इच्छा है क्योंकि पिछले कई वर्षों से चले आ रहे तनाव की वजह से किसी का भला नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि इस समय पाकिस्तान आर्थिक बदहाली की स्थिति से गुजर रहा है और अर्थव्यवस्था को फिर से मजबूत करने के लिए भारत के साथ अच्छे संबंध घरेलू मोर्चे पर उसकी मदद कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत को भी इसमें फायदा होगा और वह चीन पर फोकस कर पाएगा जिसके साथ उसका तनाव बढ़ा हुआ है।