भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन के बूचा शहर में आम नागरिकों को बर्बरता से मारने की घटना की निंदा की है और इस पर चिंता व्यक्त करते हुए निष्पक्ष जांच का समर्थन किया है.
भारत ने यूक्रेन के बूचा शहर में आम नागरिकों को बर्बरता से मारने की घटना की निंदा की है और इस पर चिंता व्यक्त करते हुए निष्पक्ष जांच का समर्थन किया है. भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पहली बार रूस के खिलाफ अपनी प्रतिक्रिया दी है. परिषद में भारत के राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि, “बूचा में नागरिक हत्याओं की हालिया रिपोर्टें बहुत परेशान करने वाली हैं. हम इन हत्याओं की स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं और एक स्वतंत्र जांच के लिए समर्थन का आह्वान करते हैं.” उन्होंने हिंसा को तत्काल समाप्त करने और शत्रुता समाप्त करने के अपने आह्वान को भी दोहराया.
तिरुमूर्ति ने कहा कि, भारत यूक्रेन में बिगड़ती स्थिति पर काफी चिंतित है. उन्होंने कहा कि यूक्रेन संकट का असर अब दुनियाभर में पड़ रहा है. इससे खाद्य और ऊर्जा सामग्री महंगी हो रही हैं. इसका असर सबसे ज्यादा विकासशील देशों पर पड़ रहा है. तिरुमूर्ति ने कहा कि, “जब बेकसूर लोगों की जिंदगी दांव पर लगी हो, तो कूटनीति को ही एकमात्र व्यवहार्य विकल्प के रूप में इस्तेमाल करना चाहिए.”
बूचा नरसंहार पर रूस की घेराबंदी जारी
वहीं बूचा नरसंहार पर अब अमेरिका और उसके अन्य सहयोगी देशों ने रूस की घेराबंदी तेज कर दी है. ब्रिटेन ने तो रूस के नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि वे अपनी सरकार से सच जानें. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने पुतिन पर अपने नागरिकों से सच छिपाने का आरोप लगाया. दूसरी ओर परिषद को संबोधित करते हुए संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने कहा कि, बूचा में आम नागिरकों की हत्या की भयावह तस्वीरों को भुला पाना संभव नहीं है. उन्होंने प्रभावी जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए तत्काल निष्पक्ष जांच का आह्वान किया. अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन भी रूस की इस हरकत की कड़ी निंदा करते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग कर चुके हैं.
इस नरसंहार का वीडियो भी आया सामने
वहीं इन सबके बीच बूचा नरसंहार का एक वीडियो भी सामने आया है. ये वीडियो 3 मार्च का बताया जा रहा है. ड्रोन से लिए गए इस वीडियो में साइकल पर सवार एक शख्स नजर आ रहा है. कुछ दूर चलने पर ये शख्स उस तरफ मुड़ता है जहां रूसी सेना की बख्तरबंद गाड़ियां मौजूद थीं. जैसे ही वो शख्स मुड़ता है सेना उस पर हमला कर देती है. हमले के बाद साइकल सवार व्यक्ति कहीं नजर नहीं आता.